अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए कि नहीं के प्रश्र पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खा ने खुद कर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि आयोध्या में राम मंदिर तो है। 6 दिसम्बर 1992 को ही राम मंदिर बन गया था। सचा पूछा जाये तो 22 व 23 दिसम्बर की रात्रि 1949 की रात से ही वहां पर मंदिर था। मूर्ति थी और पूजा होती थी। नमाज बंद हो चुकी थी। आजम खा ने कहा कि बीजेपी कभी नहीं चाहती थी कि वहां पर बाबरी मस्जिद गिरायी जाये। बीजेपी इसका झूठा के्रडिट लेने में जुटी हुई है। बीजेपी से वहां पर कोई लेना देना नहीं था। बीजेपी चाहती थी कि यह जख्म ताजा बना रहे और नासूर रहेगा तो इस मुद्दे पर वोट मिलता रहा।
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बीजेपी ने नहीं इस पार्टी ने गिरायी थी बाबरी मस्जिद
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खा ने कहा कि बीजेपी ने नहीं शिवसेना ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरायी थी। बीजेपी खाली इस बाद का क्रेडिट लेने में जुटी रहती है। आजम खा के इस बयान के बाद अब राजनीति तेज हो जायेगी। अयोध्या मामले को लेकर १० जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने पहले ही कह दिया है कि कोर्ट का निर्णय आने के बाद अयोध्या मामले को लेकर अध्यादेश नहीं लाया जायेगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केन्द्र सरकार पर राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाने का दबाव बढ़ाया हुआ है। अमित शाह ने पहले ही संकेत दिया है कि यदि शिवसेना से गठबंधन नहीं होता है तो बीजेपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। इन हालात में आजम खा का बयान बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आजम खा ने शिवसेना पर बाबरी मस्जिद गिराने का आरोप लगा कर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है। यूपी में पहले ही बीजेपी के लिए अखिलेश यादव व मायावती का गठबंधन परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे में शिवसेना ने यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 लडऩे का संकेत दिया है। आजम खा के बयान से शिवसेना मजबूत होगी और बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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सपा के वरिष्ठ नेता आजम खा ने कहा कि बीजेपी ने नहीं शिवसेना ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरायी थी। बीजेपी खाली इस बाद का क्रेडिट लेने में जुटी रहती है। आजम खा के इस बयान के बाद अब राजनीति तेज हो जायेगी। अयोध्या मामले को लेकर १० जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने पहले ही कह दिया है कि कोर्ट का निर्णय आने के बाद अयोध्या मामले को लेकर अध्यादेश नहीं लाया जायेगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केन्द्र सरकार पर राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाने का दबाव बढ़ाया हुआ है। अमित शाह ने पहले ही संकेत दिया है कि यदि शिवसेना से गठबंधन नहीं होता है तो बीजेपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। इन हालात में आजम खा का बयान बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आजम खा ने शिवसेना पर बाबरी मस्जिद गिराने का आरोप लगा कर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है। यूपी में पहले ही बीजेपी के लिए अखिलेश यादव व मायावती का गठबंधन परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे में शिवसेना ने यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 लडऩे का संकेत दिया है। आजम खा के बयान से शिवसेना मजबूत होगी और बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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