बहुत से यात्री मुख्य बस स्टैंड पर आए लेकिन वहां से निगम की कोई बस नहीं चलने पर यात्री वापस चले गए। इस कारण मुख्य बस स्टैंड पर दिनभर सन्नाटा छाया रहा। परिवहन निगम की बसें नहीं चलने पर मजबूरी में लोगों को निजी बसों,जीपों व रेल से सफर करना पड़ा। रोडवेज की दो दिन बसें नहीं चलने से परिवहन निगम को 28 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है। धरना स्थल पर मंगलवार को हुई सभा को यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार गौड़ ने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझ कर कर्मचारियों के साथ हुआ समझौता लागू नहीं कर आम व्यक्ति को परेशान कर रही है।
उन्होंने राज्य सरकार को जुमलों की सरकार बताया। मोर्चा के नेता जरनैल सिंह, जसविंद्र सिंह, जयराम, सतीश कुमार बेदी व चरण सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक संयुक्त मोर्चा की मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। परिवहन मंत्री के साथ 27 मार्च को संयुक्त मोर्चा के साथ लिखित में समझौता हुआ। इसमें रोडवेज में नई भर्ती,नई बसों की खरीद, सातवें वेतनमान लागू करने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने पर समझौता हुआ था।
संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में विभिन्न मांगों को लेकर 27 जुलाई को परिवहन मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू नहीं करने के विरोध में मंगलवार को दूसरे दिन रोडवेज का चक्काजाम रहा। दो दिन से रोडवेज की एक भी बस नहीं चलने से यात्रियों की परेशानी हुई। दूर-दराज से आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानी हुई।
संयुक्त मोर्चा की दो दिन से जाम हड़ताल चल रही है। इससे राजस्व को नुकसान हो रहा है। अभी तक हड़ताल समाप्ति का निर्णय नहीं हुआ है।
मनोज बंसल, मुख्य प्रबंधक आगार, श्रीगंगानगर।
मनोज बंसल, मुख्य प्रबंधक आगार, श्रीगंगानगर।