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सरकार के आनन-फानन में लिए निर्णय से परेशानी, सरकार ने गुरुवार देर रात घोषित किया था अवकाश,अवकाश से रहा असमंजस

locationसवाई माधोपुरPublished: Aug 24, 2019 01:26:59 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

सवाईमाधोपुर. जन्माष्टमी के अवकाश को लेकर सरकार की ओर से अवकाश घोषित करने का निर्णय शुक्रवार को निजी स्कूल संचालकों व अभिभावकों के लिए परेशानी व असमंजस ( Confused about holiday ) का सबब बना रहा। मुख्यमंत्री की ओर से गुरुवार देर रात को अवकाश की तिथि में बदलाव किया गया। ऐसे में विद्यार्थियों व अभिभावकों के साथ- साथ निजी स्कूल संचालकों को भी इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी। ऐसे में जिले के अधिकतर सभी निजी स्कूल सुबह निर्धारित समय पर खुले। विद्यार्थी व शिक्षक भी पहुंचे। दो पारियों में संचालित होने वाले कई निजी विद्यालयों में सुबह की पारी में पढ़ाई भी करा दी गई। इसके बाद अवकाश की घोषणा की गई। सरकार के इस निर्णय से निजी स्कूल संचालकों व अभिभावकों में रोष है।

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मलारना डूंगर. राज्यसरकार की ओर से जन्माष्टमी के एक दिन पूर्व शुक्रवार को राजकीय अवकाश घोषित करने से शुक्रवार को शिक्षक, विद्यार्थियों व अभिभावकों में असमंजस रहा। जानकारी के अभाव में ज्यादातर विद्यार्थी सुबह तैयार होकर विद्यालय भी पहुंच गए। कई अभिभावक भी बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद अवकाश की जानकारी मिली। उधर कुछ अभिभावक निजी विद्यालयों में फोन कर अवकाश के बारे में पूछते नजर आए। एक दिन पूर्व अवकाश घोषित करने के आदेश का विरोध भी हो रहा है। शिक्षक संघ (सियाराम) ने प्रदेशाध्यक्ष सियाराम शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री व राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख विरोध जताया। अभिभावक राधेलाल सैनी का कहना है कि 24 अगस्त को जन्माष्टमी है, लेकिन अवकाश नहीं है। वह अपनी बेटी को स्कूल नहीं भेजेंगे।


यह है स्थिति : राजस्थान में विद्यालयों में 5 लाख शिक्षक व कर्मचारी सेवारत है। 80 से 90 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत है। 24 अगस्त को जन्माष्टमी होते हुए भी विद्यार्थी व शिक्षक कर्मचारियों को विद्यालयों में उपस्थित होना पड़ेगा।

यह है आरोप : राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम सवाईमाधोपुर जिला मंत्री मुसव्विर अहमद, पूर्व जिलाध्यक्ष शकील अहमद, जुबैर चौधरी, अशफाक खान आदि ने कहा कि ये आदेश साप्ताहिक 5 कार्य दिवसीय विभाग के कर्मचारियों के लिए ही जारी किया गया है।

स्कूलों में पहुंचा दूध, डेयरी वालों व शिक्षकों में विवाद
बामनवास. राज्य सरकार की ओर से देर रात श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का अवकाश शनिवार से बदलकर शुक्रवार को कर देने के आदेशों ने विद्यार्थियों के सामने खासी परेशानी खड़ी कर दी। लिवाली गांव में विद्यार्थी कई किमी पैदल चलकर स्कूल पहुंचे तो उनको छुट्टी का पता लगा। कई विद्यालयों में शिक्षकों में छुट्टी को लेकर असमंजस की स्थिति रही। कई शिक्षक स्कूल पहुंचे। शिक्षक-विद्यार्थियों के स्कूल पहुंचने पर प्रार्थना सभा के बाद विद्यार्थियों को सूचना देकर छुट्टी कर दी गई।

वहीं सरकारी स्कूलों में अन्नपूर्णा योजना के तहत वितरित होने वाला दूध भी पहुंच गया। ऐसे में डेयरी प्रतिनिधियों तथा स्कूली शिक्षकों के बीच दूध को लेकर भी विवाद हुआ। डेयरी को भी इस संबंध में सूचना नहीं होने से अधिकांश स्कूलों में सुबह दूध पहुंच गया। कई निजी शिक्षण संस्थानों ने सरकार की ओर से आनन-फानन में जारी किए आदेशों को दरकिनार कर स्कूलों का संचालन किया।

स्कूलों में आज बच्चों की खलेगी कमी
चौथ का बरवाड़ा. सरकार की ओर से देर रात को जन्माष्टमी की छुट्टी को लेकर आदेश जारी होने के बाद शुक्रवार सुबह गुरु व शिष्य छुट्टी को लेकर असमंजस में रहे। सुबह बच्चे स्कूल पहुंच गए, लेकिन कई जगह स्कूल बंद होने तथा कई जगह स्कूल खुले मिले। बाद छुट्टी की सूचना मिलने पर बंद करवाकर बच्चों को घर पर वापस लौटाया। सरकार ने शक्रवार की छुट्टी के आदेश जारी कर दिया, लेकिन शनिवार को घरों में कृष्ण के जन्म उत्सव होने के कारण बच्चों का स्कूल से मोहभंग रहेगा। ऐसे में शिक्षक तो विद्यालय पहुंचेंगे, लेकिन बच्चों की कमी रहेगी।

स्कूलों में पहुंचे बच्चे, प्रार्थना के बाद लौटे
बौंली. राज्य सरकार द्वारा अचानक आदेश जारी कर जन्माष्टमी के एक दिन पूर्व छुट्टी घोषित करने से आमजन असमंजस में रहे। साथ ही सरकार की मंशा पर भी सवाल उठने लगे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जन्माष्टमी की छुट्टी शनिवार को थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अचानक आदेश निकल जाने से छुट्टी असमंजस बन गई। सुबह बच्चे विद्यालय पहुंचे, लेकिन कहीं विद्यालय खुले मिले और कहीं बंद नजर आए। इससे अध्यापक छात्र छात्रों के परिजनों में असमंजस रहा। ्रराज्य सरकार द्वारा आदेश जारी कर शुक्रवार की छुट्टी की घोषणा से अब बैंक सोमवार को ही खुल पाएंगे।

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