कई लोगों ने रंग, फूल और गीतों से श्रीगणेश से अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना की। गणेश विसर्जन के लिए माधवगढ़, जिगनहट व मैहर रोड स्थित सतना नदी में सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त पहुंचने लगे थे। समय के साथ उनकी संख्या भी बढ़ती गई। कोई सिर पर बिठाकर तो कोई ऑटो व कोई कार से गजानन की मूर्ति लेकर पहुंचा।
घर-घर विसर्जन भी
पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे ‘इको फ्रेंडली गणेश’ अभियान से प्रेरित होकर कई भक्तों ने जलाशयों की बजाय घरों पर ही विसर्जन किया। प्रेमनगर निवासी डॉ. रजनीश जायसवाल ने परिवार के साथ घर के बाहर बने कुंड में गणेश प्रतिमा विसर्जित कर पर्यावरण के प्रति संदेश दिया। रोटरेक्ट क्लब के पदाधिकारियों ने भी गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्लब भवन परिसर के कुंड में किया।
पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे ‘इको फ्रेंडली गणेश’ अभियान से प्रेरित होकर कई भक्तों ने जलाशयों की बजाय घरों पर ही विसर्जन किया। प्रेमनगर निवासी डॉ. रजनीश जायसवाल ने परिवार के साथ घर के बाहर बने कुंड में गणेश प्रतिमा विसर्जित कर पर्यावरण के प्रति संदेश दिया। रोटरेक्ट क्लब के पदाधिकारियों ने भी गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्लब भवन परिसर के कुंड में किया।
पौधों के प्रति भी आस्था कहा, इससे पौधों के प्रति भी आस्था बनी रहेगी। रोटरेक्ट क्लब में जिस मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाई गई थी, उसमें टमाटर के बीज थे। जो पौधों का रूप लेकर फल भी देंगे। इससे पहले हुई संध्या आरती में महापौर ममता पांडेय, समाजसेवी मोतीलाल गोयल, मणिकांत महेश्वरी, अमित सोनी व भास्कर भट्टाचार्य मौजूद रहे।
मुख्त्यारगंज से निकला सबसे बड़ा जुलूस
सबसे बड़ा जुलूस मुख्त्यारगंज से निकला। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रत्नाकर चतुर्वेदी ने स्थानीय लोगों के सहयोग से गणेश स्थापना कराई थी। 10 दिन तक पूजा-अर्चना व महाआरती के बाद गुरुवार को विसर्जन के लिए भव्य जुलूस निकाला गया। इसमें 200 से ज्यादा युवा डीजे की धुन पर नृत्य करते हुए आगे बढ़ रहे थे।
सबसे बड़ा जुलूस मुख्त्यारगंज से निकला। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रत्नाकर चतुर्वेदी ने स्थानीय लोगों के सहयोग से गणेश स्थापना कराई थी। 10 दिन तक पूजा-अर्चना व महाआरती के बाद गुरुवार को विसर्जन के लिए भव्य जुलूस निकाला गया। इसमें 200 से ज्यादा युवा डीजे की धुन पर नृत्य करते हुए आगे बढ़ रहे थे।