एक हजार बिंदुओं पर हो रहा है निरीक्षण
राष्ट्रीयस्तर की लक्ष्य की टीम एमसीएच का दौरा कर रही है। सोमवार और मंगलवार दो दिन के दौरे के दौरान टीम को मिली करीब १००० बिंजुओं की चेकलिस्ट पर एक-एक बिंदु पर यहां जानकारी जुटाई। टीम के दो सदस्यों ने अलग-अलग हिस्सों में लैबर रूम, ऑपरेशन थिएटर और मेटरनिटी वार्डों के साथ ही यहां संचालित अन्य वार्डों का निरीक्षण किया। डॉ. अंकुर सुदन और डॉ. कविता के रूप में दो सदस्य राष्ट्रीय लक्ष्य टीम में हैदराबाद और चंडीगढ़ से भेजे गए हैं जबकि राज्य टीम के सोमनाथ चट्टोपाध्याय और राज्य सलाहकार शिशु स्वास्थ्य डॉ. विशाल जायसवाल भी पूरे समय मौजूद रहे।
ये बिंदु है खास
निरीक्षण करने आई लक्ष्य टीम के दौरे को लेकर खासतौर से जिन बिंदुओं पर फोकस कर रही है उनमें एमसीएच में लैबर रूम, ओटी और मेटरनिटी वार्ड में प्रोटोकॉल का पालन, उपलब्ध सुविधाएं, संसाधन, उपकरण, मानव संसाधन, गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, मानिटरिंग, प्रसव के दौरान पालन किए जाने वाले प्रोटोकॉल, वार्डों की नर्सों के व्यवहार, दवाई गोलियां आदि को ध्यान में रखा जा रहा है। इसलिए टीम के सदस्य लैबर रूम में प्रसव के लिए आ रही महिलाओं के परिजनों से भी अलग से चर्चा कर रहे हैं और वार्डों में भर्ती महिला मरीजों के साथ ही परिजनों से भी चर्चा कर रही है।
राष्ट्रीयस्तर की लक्ष्य की टीम एमसीएच का दौरा कर रही है। सोमवार और मंगलवार दो दिन के दौरे के दौरान टीम को मिली करीब १००० बिंजुओं की चेकलिस्ट पर एक-एक बिंदु पर यहां जानकारी जुटाई। टीम के दो सदस्यों ने अलग-अलग हिस्सों में लैबर रूम, ऑपरेशन थिएटर और मेटरनिटी वार्डों के साथ ही यहां संचालित अन्य वार्डों का निरीक्षण किया। डॉ. अंकुर सुदन और डॉ. कविता के रूप में दो सदस्य राष्ट्रीय लक्ष्य टीम में हैदराबाद और चंडीगढ़ से भेजे गए हैं जबकि राज्य टीम के सोमनाथ चट्टोपाध्याय और राज्य सलाहकार शिशु स्वास्थ्य डॉ. विशाल जायसवाल भी पूरे समय मौजूद रहे।
ये बिंदु है खास
निरीक्षण करने आई लक्ष्य टीम के दौरे को लेकर खासतौर से जिन बिंदुओं पर फोकस कर रही है उनमें एमसीएच में लैबर रूम, ओटी और मेटरनिटी वार्ड में प्रोटोकॉल का पालन, उपलब्ध सुविधाएं, संसाधन, उपकरण, मानव संसाधन, गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, मानिटरिंग, प्रसव के दौरान पालन किए जाने वाले प्रोटोकॉल, वार्डों की नर्सों के व्यवहार, दवाई गोलियां आदि को ध्यान में रखा जा रहा है। इसलिए टीम के सदस्य लैबर रूम में प्रसव के लिए आ रही महिलाओं के परिजनों से भी अलग से चर्चा कर रहे हैं और वार्डों में भर्ती महिला मरीजों के साथ ही परिजनों से भी चर्चा कर रही है।
कमियां ठीक कर लेना
लक्ष्य की दो सदस्य्यी टीम ने दो दिन तक एमसीएच में लैबर रूम, लैबर ओटी और मेटरनिटी वार्डों का असेसमेंट किया। टीम के सदस्यों ज्यादातर कार्यों को सराहा जबकि कुछ कमियां भी टीम को देखने को मिली। इस पर टीम के सदस्यों का कहना था कि इन्हें सुधार कर लेंते और बेहतर। उन्होंने डॉक्टरों और नर्सों से साफ शब्दों में कहा कि प्रसव के दौरान ही इतनी सावधानी बरती जाए कि किसी नवजात को एसएनसीयू में भर्ती नहीं कराना पड़े। इससे वास्तविक जरुरतमंद बच्चे को एसएनसीयू में पर्याप्त इलाज मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि ओटी में भी कुछ उपकरणों की कमी है जिसे पूरा करें।
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क्वालीफाई हो जाएंगे
राष्ट्रीयस्तर की लक्ष्य की टीम के निरीक्षण में टीम के सदस्यों ने संतोष जताया है। इस सीढ़ी को हम क्वालीफाई करते हैं तो हमारा अस्पताल राष्ट्रीय मानकों पर खरा हो जाएगा। दो दिन के निरीक्षण में हमें पूरी तरह लगा कि हम इसमें क्वालीफाई कर जाएंगे।
डॉ. रजत दुबे, लक्ष्य कोआर्डिनेटर जिला अस्पताल
लक्ष्य की दो सदस्य्यी टीम ने दो दिन तक एमसीएच में लैबर रूम, लैबर ओटी और मेटरनिटी वार्डों का असेसमेंट किया। टीम के सदस्यों ज्यादातर कार्यों को सराहा जबकि कुछ कमियां भी टीम को देखने को मिली। इस पर टीम के सदस्यों का कहना था कि इन्हें सुधार कर लेंते और बेहतर। उन्होंने डॉक्टरों और नर्सों से साफ शब्दों में कहा कि प्रसव के दौरान ही इतनी सावधानी बरती जाए कि किसी नवजात को एसएनसीयू में भर्ती नहीं कराना पड़े। इससे वास्तविक जरुरतमंद बच्चे को एसएनसीयू में पर्याप्त इलाज मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि ओटी में भी कुछ उपकरणों की कमी है जिसे पूरा करें।
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क्वालीफाई हो जाएंगे
राष्ट्रीयस्तर की लक्ष्य की टीम के निरीक्षण में टीम के सदस्यों ने संतोष जताया है। इस सीढ़ी को हम क्वालीफाई करते हैं तो हमारा अस्पताल राष्ट्रीय मानकों पर खरा हो जाएगा। दो दिन के निरीक्षण में हमें पूरी तरह लगा कि हम इसमें क्वालीफाई कर जाएंगे।
डॉ. रजत दुबे, लक्ष्य कोआर्डिनेटर जिला अस्पताल