क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह महेचा को अपना प्रेरणास्रोत मानने वाले लूणसिंह वर्ष 1972 में वायु सेना में भर्ती हुए। सार्जेंट के रूप में पन्द्रह साल तक सेवाएं दी। वायुसेना से रिटायरमेंट लेने के बाद वे ऑयल एवं नेचूरल गेस कॉपोरेशन में जेइएन के पद पर भर्ती हो गए। एक साल बाद ही उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी। वर्ष 1989 में उनका चयन वरिष्ठ लेखाकार के रूप में महालेखाकार कार्यालय (एजी) में हो गया। एजी कार्यालय में 20 साल तक सेवाएं देने के बाद 2009 में उन्होंने रिटायरमेंट लिया। रिटायरमेंट के बाद वे समाजसेवा कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पहचान भामाशाह के रूप में कायम की है।
सेना में रहते किया इंजीनियरिंग-एलएलबी
सिंह ने देश और समाजसेवा में ही जज्बा नहीं दिखाया, अपितु वायु सेना में रहते हुए खुद को शिक्षा के क्षेत्र में भी योग्य बनाया। उन्होंने इंजीनियरिंग व एलएलबी की डिग्री सेना में रहते हासिल कर ली। सेवानिवृत्ति के बाद अब वे वकालात भी कर रहे हैं। 68 की उम्र के सिंह पूरी तरह से सक्रिय रहते हैं।
कई संस्थाओं में सक्रिय वर्तमान में वे वीर दुर्गादास राजपूत शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष पद के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम किए। इसके लिए उन्हें जिला कलक्टर द्वारा 26 जनवरी 2016 को स्कूल भामाशाह के रूप में सम्मानित किया गया था। स्कूल शिक्षा के दौरान भी वे स्काउटिंग में राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं।
यूं दिखाया जज्बा
-दूदिया गांव की बालिका स्कूल में दो भवनों का निर्माण। -यही पर बालक स्कूल में दो भवनों का निर्माण।
-दूदिया के तालाब पर सामुदायिक भवन। -दूदिया गांव के मुख्य द्वार पर माता की स्मृति में भवन का निर्माण।
-झींतड़ा गांव के गुरुद्वारा में भवन निर्माण।
-वीर दुर्गादास राजपूत छात्रावास में दस कमरे बनवाए।
-जय भवानी राजपूत सभा भवन में भवन का निर्माण। समाज सेवा से मिलता है सुकून देश और समाज की सेवा का भाव बचपन से ही था। संघ कार्यकर्ता के रूप में क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक स्व. तनसिंह जी से मुझे और प्रेरणा मिली। समाज की सेवा करने से सुकूल मिलता है। इसलिए जुटा हुआ हूं।
लूणसिंह चांपावत, निवासी दूदिया