किशनगढ़बास. सरकार जहां आमजन के विकास एवं मूलभूत सुविधाओं के मुहैया कराने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं किशनगढ़ बास उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत नूरनगर का गांव रायपुर मेवान 7 वर्षों से पानी की एक-एक बूंद को तरस रहा है। यह गांव नवगठित जिला खैरथल-तिजारा मुख्यालय से बिल्कुल सटा हुआ है जो अब नगर परिषद खैरथल के सीमांकन के बाद नगर परिषद का एक हिस्सा भी बनने वाला है। इस गांव के बाङ्क्षशदे पीने के पानी का जुगाड़ तो जैसे तैसे, इधर-उधर एवं अन्य गांव से कर ही रहे हैं लेकिन मवेशियों के लिए पानी नहीं है। लोग अपने पशुओं को बचाने के लिए गांव छोड़ रहे है। वहीं पशु रखना भी छोड़ रहे हैं। किशनगढ़बास. गांव के बाहर पानी के इन्तजार में पानी की टंकी। किशनगढ़बास. गांव के बाहर सुखी पड़ी खेळ। किशनगढ़बास. ग्रामीणों ने चंदे से बनाई हुई टंकी भी सूखी पड़ी।
किशनगढ़बास. सरकार जहां आमजन के विकास एवं मूलभूत सुविधाओं के मुहैया कराने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं किशनगढ़ बास उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत नूरनगर का गांव रायपुर मेवान 7 वर्षों से पानी की एक-एक बूंद को तरस रहा है। यह गांव नवगठित जिला खैरथल-तिजारा मुख्यालय से बिल्कुल सटा हुआ है जो अब नगर परिषद खैरथल के सीमांकन के बाद नगर परिषद का एक हिस्सा भी बनने वाला है। इस गांव के बाङ्क्षशदे पीने के पानी का जुगाड़ तो जैसे तैसे, इधर-उधर एवं अन्य गांव से कर ही रहे हैं लेकिन मवेशियों के लिए पानी नहीं है। लोग अपने पशुओं को बचाने के लिए गांव छोड़ रहे है। वहीं पशु रखना भी छोड़ रहे हैं। किशनगढ़बास. गांव के बाहर पानी के इन्तजार में पानी की टंकी। किशनगढ़बास. गांव के बाहर सुखी पड़ी खेळ। किशनगढ़बास. ग्रामीणों ने चंदे से बनाई हुई टंकी भी सूखी पड़ी।