आगे सीएम योगी ने लिखा है कि श्रीराम जन्मभूमि एक आस्था से जुड़ा विषय है और माननीय न्यायालय को भी जन आस्था का सम्मान करते हुए 24 घंटे के भीतर इस पर अपना फैसला सुना देना चाहिए। जहां तक जमीन के बंटवारे का प्रश्न है तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहले ही कह चुकी है कि जहां रामलला जी विराजमान हैं, वही श्रीराम जन्मभूमि है। इसके तुरंत बाद सीएम योगी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा है कि इसके बाद जमीन बंटवारे का विवाद ही खत्म हो जाता है। मुझे लगता है कि 24 घंटे के अंदर इस पर फैसला आ जाना चाहिए, 25वां घंटा लगना ही नहीं चाहिए।
वहीं उन्होंने कहा कि पिछली सरकार दंगाइयों को बढ़ावा देती थी। 2005 में जब अयोध्या में आतंकी हमला हुआ था, तब समाजवादी पार्टी की सरकार ने राम जन्म भूमि पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का कुत्सित प्रयास किया था।