इस मसले को लेकर महापौर और प्रतिपक्ष नेता के बीच तीखी बहस हुई। इस मामले के तूल पकडऩे पर भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस के पार्षदों को घेर किया। पार्षदों के आमने-सामने होने पर उप महापौर दौड़कर गई और समझाइश कर शांत किया। उपायुक्त प्रेमशंकर ने तकनीकी रूप से दोषी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कही।
छह घण्टे बाद पेश हुई पालना रिपोर्ट पिछली बैठक की पालना रिपोर्ट को लेकर भी काफी हंगामा हुआ। उप महापौर ने पिछली बैठक की पालना रिपोर्ट मांगी तो बिना तैयारी के आए अधिकारी हड़बड़ा गया। आयुक्त ने कहा कि आधे घण्टे में रिपोर्ट दे देंगे, लेकिर रिपोर्ट तैयार ही नहीं की गई थी। आनन-फानन में रिपोर्ट तैयार करवाई गई। पार्षदों के अड़े रहने पर शाम 5.30 बजे पालना रिपोर्ट पेश की गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा पार्षद अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। पिछली 11 बैठकों की पालना रिपोर्ट बाद में ही पेश की गई थी।
क्यों नहीं बनाना चाहते हैं गोशाला गोशाला समिति के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि एक साल पहले गोशाला के लिए जमीन मिल चुकी है, बजट स्वीकृत हो गया है, टेण्डर हो गए, फिर अधिकारी गोशाला क्यों नहीं बनाना चाहते हैं। आवारा मवेशियों के कारण आए दिन लोग मर रहे हैं।
धूम्रपान नहीं करने का संकल्प
दिलावर ने कहा निगम को कुछ नवाचार करने चाहिए। निगम परिसर में न अधिकारी धूम्रपान करें और न पार्षद। जो धूम्रपान करता पाया जाए तो जुर्माना वसूल किया जाए। महापौर ने संकल्प लिया कि वे निगम में धूम्रपान नहीं करेंगे।
दिलावर ने कहा निगम को कुछ नवाचार करने चाहिए। निगम परिसर में न अधिकारी धूम्रपान करें और न पार्षद। जो धूम्रपान करता पाया जाए तो जुर्माना वसूल किया जाए। महापौर ने संकल्प लिया कि वे निगम में धूम्रपान नहीं करेंगे।