दोस्त का फोन आया और उन्होंने हालचाल पूछा। पैसे मांगने का कारण भी पूछा। तब बताया कि ऐसा कुछ नहीं है, और फिर संतोष ने फेसबुक मैसेंजर से बातचीत का स्क्रीन शॉट भेजा। उसे देखते ही पता चला कि कोई फेसबुक में एसडीएम के नाम का फर्जी आइडी बनाकर मित्रों से पैसे की मांग कर रहा है।
इसकी सूचना फौरन ही साइबर सेल कटनी और कोतवाली पुलिस को दी गई। यह सब चल रहा था तभी उनके तीन अन्य मित्रों ने भी फोन कर फेसबुक से पैसे की मदद पर बात की। इसमें खजुराहो से गोविंद सिंह, नायब तहसीलदार रीवा यतीश शुक्ला और सतना के व्यापारी गोविंद सुमानी शामिल हैं। इन मित्रों ने भी कटनी एसडीएम को फोन कर फेसबुक फर्जी आइडी के माध्यम से पैसे की डिमांड की बात बताई।
एसडीएम बलबीर रमन ने बताया कि फर्जी आइडी बनाने वाला बिहार के किसी स्थान का है। साइबर सेल ने प्रारंभिक जांच में यह जानकारी दी है। फेसबुक में फर्जी आइडी बनाकर दोस्तों से पैसे की डिमांड के दौरान जो नंबर दिया जा रहा है वह बिहार का है। इसकी जानकारी बिहार की राजधानी पटना भी भेजी गई है।
कटनी एसडीएम के नाम पर बनी फर्जी आइडी के माध्यम से पैसे मांगने वाले बैंक का खाता नंबर 917632054077 बताया और आइएफएससी कोड पीवायटीएम0123456 बताया। खासबात यह है कि इस पूरे मामले में कोतवाली टीआइ का गैरजिम्मेदाराना बयान सामने आया है। टीआइ शैलेष मिश्रा ने बताया कि फेसबुक में फर्जी आइडी को लेकर एसडीएम ने स्क्रीनशॉट व्हाटसएप पर भेजा है, उन्होंने किसी प्रकार की कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। इसे हम शिकायत कैसे मान लें।
इस पूरे मामले में साइबर सेल प्रभारी रोहित डोंगरे का कहना है कि एसडीएम के नाम पर फेसबुक में फर्जी आइडी की जांच शुरू कर दी गई है। बिहार के जिस नंबर का उल्लेख है, वह बंद आ रहा है। ठोस कार्रवाई की जाएगी।