छतरपुर से लेकर आए हैलट
जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही पांच साल की मासूम को उसके परिजन लेकर हैलट Halat Hospital Kanpur पहुंचे। डॉक्टरों की नजर जैसे ही बच्ची पर पड़ी तो उनके हाथ-पांव फूल गए। डॉक्टरों ने पहले एसपीजीआई SPGI ले जाने को कहा, लेकिन एक सीनियर व बालरोग अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर आरके त्रिपाठी ने बच्ची की सांस वापस लाने का प्रण लिया और अन्य के साथ उसका इलाज शुरू किया। डॉक्टर त्रिपाठी के मुताबिक बच्ची के गर्भाशय समेत प्रजनन से जुड़ा शरीर का दूसरा भाग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इससे जुड़ा दूसरा हिस्सा भी खराब हो गया। डॉक्टरों ने गर्भाशय समेत प्रजनन के दूसरे अंगों को बनाया गया। इसके साथ ही मल का रास्ता पेट से कर दिया। बच्ची अब स्वस्थ्य है।
14 फरवरी से चल रहा इलाज
बच्ची मूलरूप से मध्यप्रदेश madhya pradesh के छतरपुर जिले Chhatarpur district की रहने वाली है। उसे 14 फरवरी को हैलट लाया गया था। जहां पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर आरके त्रिपाठी ने अपने साथियों के साथ उसकी पहली सर्जरी की। सर्जरी के बाद अब वह बिल्कुल ठीक हो गई है। इसके मल निस्तारण की मांसपेशियों में संवेदनशीलता आने के साथ वह बड़े होकर मातृत्व सुख भी पा सकेगी। यह अपने तरीके का अनोखा और जटिल केस रहा है। मध्यप्रदेश के छतरपुर की रहने वाली इस बच्ची के नाम-पते की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए स्टाफ ने इसका नाम चंदा रख लिया।
बहुत जटिल सर्जरी
पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर त्रिपाठी ने 15 जुलाई को दूसररी सर्जरी के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। उसे अब जल्दी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। यह बहुत जटिल सर्जरी रही है। इतनी क्षतिग्रस्त प्रजनन संरचना का सामान्य स्थिति में आ जाना ही अनोखापन है। अब वह सामान्य जिंदगी जी सकेगी। मल संबंधी मांसपेशियों की संवेदनशीलता खत्म होने पर सामाजिक जीवन मुश्किल हो जाता है। वहीं बच्ची की जान बचने पर उसके माता-पिता बहुत खुश हैं और हैलट के डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हुए कहा कि हमें यहीं एक भी दिक्कत नहीं हुई। पैसे नहीं होने पर खुद डॉक्टर अपने पैसे से दवाईयां मंगवाते और बेटी का इलाज करते।