छात्राओं ने किया आंदोलन
छत्रपति शहूजी महाराज विश्वविद्यालय में छात्राएं भोजन को लेकर आंदोलन कर रही हैं। शनिवार की देररात खाना परोसा गया तो किसी की थाली में छिपकली पूंछ निकली तो किसी की थाली में कीड़े। खाने में कीड़े मकोड़े देखकर छात्राएं भड़क गयी और मेस में हंगामा करने लगी । इसके बाद बड़ी संख्या में गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के गेट पर बैठकर कुलपति और वार्डन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। छात्राओं का यह आंदोलन देखकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के भी हाथ पैर फूल गए। सूचना पर पहुची पुलिस ने छात्राओं को पूरे प्रकरण की जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया, तब वो शांत हुई हैं। लेकिन उसी रात फिर खराब खाना परोसा गया तो छात्राओं ने थाली छोड़ मोबाइल हाथ में उठा लिया और इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी के ट्यूटर अकाउंट पर कर दी।
बीमार पड़ गई छात्राएं
छात्रा प्रीति का कहना है कि मेस के लिए जो खाद्य सामग्री मंगाई जाती है वो घटिया होती है, पर कागजां में उसे अच्ची क्वालिटी का दरसाया जाता है। विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से ये खेल कई वर्षो से चल रहा था। कैटर्स इसके बदले सरकारी बाबुओं की जेब गर्म करता था। प्रीती ने बताया कि कुलपति के भी संज्ञान में पूरा मामला है लेकिन इस पर कार्यवाई आज दिन तक नही हुई है। शिखा ने कहा कि मेरी थाली में छिपकली की पूंछ निकली। मैंने दाल का कुछ हिस्सा खा लिया, और बीमार पड़ गई। शिखा ने बताया कि जब चावल परोसे गए तो उनमें कीड़े थे। हमनें इसकी जानकारी अन्य छात्राओं को दी और कैटर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई नही की, जिसके कारण हमें प्रधानमंत्री और सीएम योगी को पूरी घटना की जानकारी देनी पड़ी।
मैन्यू के हिसाब से नहीं मिलता भोजन
वैशाली ने बताया कि हमारी मेस में सफाई नाम की कोई चीज नही है,गंदगी का आलम यह है कि वहां कुछ देर रुकना भी मुश्किल हो जाये। इसके साथ ही खाने का जो मैन्यू है उसके हिसाब से कभी भी खाना नही बनता है। हमसे मेस की पूरी फीस ली जाती है इसके बाद भी खाने में कुछ न कुछ कमी रहती है। खाद्य सामग्री का रॉ मटेरियल गन्दी जगह पर रखता है ,दाल ,चावल, जब भी खाने को मिलता है तो उसमें बड़े-बड़े पत्थर निकलते है । मेस में घटिया क्वालिटी की सामग्री मंगाई जाती है उसे खाने के लिए हमें मजबूर किया जाता है। इसकी शिकायत हमने अपने वार्डन से लेकिन उनकी तरफ से हमें सिर्फ आश्वासन मिलता है। वैशाली ने आरोप लगाते कहा कि यह सारा खेल सभी की मिलभगत से बदस्तूर जारी है।
जांच टीम में वार्डन
गर्ल्स हॉस्टल के खाने में छिपकली व कीड़े की निकलने पर रजिस्ट्रार विनोद कुमार सिंह ने जांच के लिए पांच सदस्ीय टीम का गठन कर दिया है। टीम को छात्राओं के अलावा क्ेडर्स के बयान दर्ज कर रिपोर्ट तैयार करनी है। बतादें, जो टीम बनाई गई है, उसमें तीन वार्डन को रखा गया है। जिनकी लारवाही के चलते खाने की गुणवत्ता खराब मिल रही थी। इस कमेटी पर वार्डन को रखे जाने पर छात्राओं ने विरोध शुरू कर दिया है। एक छात्रा ने बताया कि इन्हीं तीनों के चलते हमें पिछले कई माह से खराब भोजन परोसा जा रहा था, और अब उन्हें ही रिपोर्ट देनी हैं। जिससे साफ पता चलता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करना मामला रफा-दफा करने चाहता है।
कैटर्स का ठेका निरस्त
मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच जाने के बाद रविवार की शाम कैटर्स का ठेका निरस्त कर दिया गया और मिस की जिम्मेदार नए ठेकेदार को दे दी गई। छात्राओं को सोमवार की सुबह नाश्ते में हलवा व चना दिया गया। दोपहर को लंच के दौरान उन्हें तहरी व रायता खाने में परोसा गया। छात्राओं ने कहा कि इस खाने की गुणवत्ता काफी अच्छी है। उन्हें ऐसा खाना पिछले कई माह से नसीब नहीं हो रहा था। छात्रा प्रीती ने कहा कि हम चाहते हैं कि पूराने कैटर्स के साथ ही सरकारी बाबुओं के खिलाफ जांच हो और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जिससे कि आइंदा छात्राओं को खराब भोजन परोसने से पहले कैटर्स सौ बारे सोंचे।