कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि चुनाव में भाग न लेने का निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ने जम्मू और कश्मीर के नेताओं द्धारा मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद किया। उन्होंने कहा कि हमने केंद्रीय नेतृत्व को सूचित किया था कि पिछले दो महीनों से राज्य में राजनीतिक गतिविधि गतिरोध बनी हुई है। केवल भाजपा के लोग ही सक्रिय और खुले तौर पर बैठकें कर रहे हैं, जबकि जो नेता विपक्षी दलों से संबंधित हैं उन्हें चुनावों की घोषणा के बाद रिहा किया गया।
असंभव लगता है चुनाव लड़ना
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को बेअसर करने को लेकर बयान नहीं देने की सरकार की शर्त को स्वीकार करने के लिए उन्होंने व्यक्तिगत बांड पर हस्ताक्षर किए हैं, इस परिस्थिति में चुनाव में भाग लेना संभव नहीं है। पार्टी गैर राजनीतिक पंच और सरपंचों के लिए राजनीतिक चुनाव का भी विरोध करती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा सरपंच और पंच का चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर होता था, राजनीतिक आधार पर समान आचरण का कोई तर्क नहीं है। केंद्रीय नेतृत्व ने स्थानीय इकाई के साथ सहमति व्यक्त की और नेता को बीडीसी चुनाव से बचने के लिए कहा है। हम विपक्ष के लिए कठिन परिस्थितियों के बावजूद चुनाव लड़ने के लिए आशान्वित हैं। हमारे उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कागजात तैयार किए, लेकिन देर शाम एक संदेश भेजा गया कि पार्टी चुनाव के लिए जनादेश नहीं देगी। कांग्रेस से जुड़े एक सरपंच ने बताया कि राज्य कांग्रेस के प्रमुख गुलाम अहमद मीर को पार्टी का निर्णय को जनता तक पहुँचाने का काम सौंपा गया है।
एक अन्य नेता ने बताया कि मंगलवार शाम तक उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा नहीं हुई। कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार, जी.ए.मीर बुधवार दोपहर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।