चश्मदीद अवतार सिंह की आंखें हुईं नम
चश्मदीद अवतार सिंह ने नम आंखों से घटना का जिक्र करते हुए कहा, 1984 में मेरे बहनोई जयपुर से पिंकसिटी एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना हुए थे। गुडग़ांव पहुंचे तो ट्रेन में 21 सिख यात्रियों को मारा डाला गया। कत्लेआम में हजारों सिखों की हत्या कर दी गई, लोगों को जिंदा जलाया गया। दस हजार से ज्यादा लोगों का दिल्ली में कत्लेआम हुआ। अब 34 साल लंबे इंतजार के बाद पीडि़तों को न्याय मिला है। अन्य दोषियों पर भी कोर्ट सख्ती दिखाए। एक अन्य चश्मदीद ने कहा कि घटना के वक्त लाशों के ढेर देखकर हर कोई सहम गया था।
चश्मदीद अवतार सिंह ने नम आंखों से घटना का जिक्र करते हुए कहा, 1984 में मेरे बहनोई जयपुर से पिंकसिटी एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना हुए थे। गुडग़ांव पहुंचे तो ट्रेन में 21 सिख यात्रियों को मारा डाला गया। कत्लेआम में हजारों सिखों की हत्या कर दी गई, लोगों को जिंदा जलाया गया। दस हजार से ज्यादा लोगों का दिल्ली में कत्लेआम हुआ। अब 34 साल लंबे इंतजार के बाद पीडि़तों को न्याय मिला है। अन्य दोषियों पर भी कोर्ट सख्ती दिखाए। एक अन्य चश्मदीद ने कहा कि घटना के वक्त लाशों के ढेर देखकर हर कोई सहम गया था।
मुआवजे की उठी मांग समाज के प्रतिनिधियों ने मांग की कि कत्लेआम के मामले में जगदीश टाइटलर और कमलनाथ को भी शीघ्र सजा दी जाए ताकि पीडि़तों को न्याय मिल सके। सरकार पीडि़त परिवारों को मुआवजा दे, उनका पुनर्वास कराए ताकि वे ठीक से जीवन यापन कर सकें।