तनाव होगा कम
चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़े जानकारों ने सरकार के नीट के नियमों में बदलाव संबंधी निर्णय को बेहतर कदम बताया है। जानकारों मानना है कि नीट में सीमित अवसर के कारण उम्मीदवार तनाव में थे। अवसर बढऩे से डॉक्टर बनने की राह देख रहे उम्मीदवारों का तनाव कम होगा। परीक्षा का तनाव कम होने से उनका प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
नए सत्र से लागू करने की तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रस्ताव अभी तक एमसीआई की मंजूरी के लिए अटका हुआ था। सूत्रों के अनुसार एमसीआई की सहमति मिलने के बाद अब इसे जल्द किए जाने की संभावना बढ़ गई है। सरकार नीट-2018 से ही नए नियम लागू करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में सत्र 2018-19 के लिए होने वाली एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा की तस्वीर बदल सकती है।
आयुष के लिए ये नियम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के आयुष संस्थानों की प्रवेश पात्रता परीक्षा में भी एकरुपता लाने का निर्णय किया है। इसके तहत सत्र 2018-19 से प्रदेश आयुष शिक्षण संस्थानों में भी नीट के जरिए प्रवेश होंगे। इससे आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और प्राकृतिक नैचरोपैथी कॉलेज में प्रवेश इच्छुक उम्मीदवारों की पात्रता भी नीट के नए नियमों के अनुसार होगी।
25 हजार को फायदा
नीट पात्रता संबंधी नए नियम से मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की तैयारी कर रहे लाखों छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी। प्रदेश में ही करीब 25 हजार छात्र-छात्राओं को नए नियम से नीट में फायदा होगा। प्रदेश में अभी मेडिकल, आयुर्वेद, होम्योपैथी, नैचरोपैथी एवं यूननी पाठ्यक्रम संचालित करने वाले करीब 60 संस्थान है।