भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समूचे यहां हुब्बल्ली समेत कर्नाटक के विभिन्न शहरों में उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया। इस दौरान विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जगह-जगह शोभायात्राएं निकाली गई। वृद्धाश्रम व अनाथ आश्रम में सेवा कार्य किए गए। गौशालाओं में गोसेवा के कार्यक्रम हुए। इसके साथ ही दिनभर दान-पुण्य के कई आयोजन हुए। हुब्बल्ली में भी भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव को लेकर रविवार को शोभायात्रा निकाली गई। जैन परम्परा में 24 तीर्थंकर हुए हैं। वर्तमान कालीन चौबीस तीर्थंकरों की श्रृखंला में प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव और 24 वें एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी हैं। भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक को देश-विदेश में बड़े ही उत्साह के साथ पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है।
महावीर के संदेश को जीवन में उतारें
शोभायात्रा के बाद आयोजित धर्मसभा में मुनि निर्मोहप्रभ विजय ने कहा कि हम भगवान महावीर के बताए संदेशों को जीवन में उतारें। इसी से हमारे जीवन का कल्याण होगा।
भगवान महावीर आदर्श पुरूष थे। उन्होंने मानवता को एक नई दिशा दी है। उनके बताए हुए अहिंसा, सत्य आदि मार्गों पर चलकर विश्व में शांति हो सकती है। महावीर के उपदेशों में एक संपूर्ण जीवन दर्शन है। एक जीवन पद्धति है। आज की समाज को इस जीवनपद्धति की कहीं ज्यादा जरूरत है। उन्होंने हुब्बल्ली में निकाली शोभायात्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि निसंदेह इससे हमने भगवान महावीर स्वामी के संदेश को आगे बढ़ाया है। इस तरह के भक्तिभाव से सेवा कार्य किए जाने चाहिए। दूसरे संघों में भी इससे एक अच्छा संदेश गया है।