डीडीयू के नाथ चंद्रावत छात्रावास में रहने वाले बीएससी फाइनल के छात्र मानस कुमार वर्मा व अर्जुन कुमार वर्मा ने बताया कि दो साल पहले जब वे लोग घर थे तो घर पर लगी टंकी में पानी भरने के लिए मोटर चालू करते थे तो टंकी भर जाने के बाद पानी टंकी के बाहर गिरने लगता था। पानी की बर्बादी रोकने का कोई उपाय नहीं सूझता था। इस बर्बादी को रोकने लिए एक यंत्र बनाने का ख्याल मन में आया। मानस ने बताया कि सोचा कोई ऐसा डिवाइस बनाया जाए जिससे टंकी के भर जाने के बाद, पानी टंकी के बाहर ना गिरे एवं पानी की बर्बादी को रोका जाए। अब इस डिवाइस के बारे में मनन करने के लिए एक साथी की जरूरत थी तो भाई अर्जुन को इस आइडिया के बारे में बताया। फिर जुगाड़ तकनीक का सहारा लेकर दोनों भाईयों ने मूर्तरूप देने के लिए कवायद शुरू कर दी।
दोनों भाई बताते हैं कि एक पैड, दो मैग्नेट, दो मेटल स्ट्रिप, दो हाॅलो बोतल को मिलाकर कुछ तारों की सहायता से पानी की बर्बादी रोकने की डिवाइस तैयार कर ली। करीब सौ रुपये का खर्च इसमें आया।
ये लोग बताते हैं कि पानी की टंकी भर जाने के बाद जैसे ही ओवरफ्लो होगा मोटर बंद हो जाएगा। इससे पानी की बर्बादी नहीं होगी।
मंगलवार को विवि के नाथ चंद्रावत हाॅस्टल में दोनों भाईयों ने वार्डन प्रो.अजय कुमार शुक्ल, छात्रावास के अधीक्षक डॉ पंकज सिंह व डॉ आशीष शुक्ला तथा साथी छात्रावासियों के सामने इस जुगाड़ वाले डिवाइस का प्रदर्शन किया।
दोनों भाई बताते हैं कि एक पैड, दो मैग्नेट, दो मेटल स्ट्रिप, दो हाॅलो बोतल को मिलाकर कुछ तारों की सहायता से पानी की बर्बादी रोकने की डिवाइस तैयार कर ली। करीब सौ रुपये का खर्च इसमें आया।
ये लोग बताते हैं कि पानी की टंकी भर जाने के बाद जैसे ही ओवरफ्लो होगा मोटर बंद हो जाएगा। इससे पानी की बर्बादी नहीं होगी।
मंगलवार को विवि के नाथ चंद्रावत हाॅस्टल में दोनों भाईयों ने वार्डन प्रो.अजय कुमार शुक्ल, छात्रावास के अधीक्षक डॉ पंकज सिंह व डॉ आशीष शुक्ला तथा साथी छात्रावासियों के सामने इस जुगाड़ वाले डिवाइस का प्रदर्शन किया।