दरअसल सोमवार की रात ईवीएम बदले जाने की अफवाह के बाद गठबंधन के बसपा प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने गाजीपुर में हंगामा कर दिया। अफजाल का कहना था कि वर्तमान में स्ट्रांग रूम की जो सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था है वह उससे संतुष्ट नहीं हैं। ईवीएम को कभी भी बदला जा सकता है। उनका आरोप था कि शम को एक गाड़ी में ईवीएम भरकर उसे बदलने की नीयत से लाया गया, लेकिन लोगों की सक्रियता के चलते ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने ईवीएम की सुरक्षा में लगी सीआईएसएफ पर शंका जाहिर करते हुए सीआरपीएफ या बीएसएफ को लगाने की मांग की।
अफजाल अंसारी ईवीएम की निगरानी में अपने कम लोगों को लगाए जाने से भी नाराज दिखे। उनकी मांग थी कि शिफ्टवाइज 10 लोगों को निगरानी की इजाजत दी जाय। मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी एसपी सिंह और सीओ से भी उनकी झड़प हुई। वह अपने लोगों को अपनी मांगों को लेकर वह लगातार धरने पर बैठे रहे। आखिरकार एसडीएम ने जिलाधिकारी से बात की और डीएम ऊपर से निर्देश के बाद अफजाल अंसारी के पांच लोगों को शिफ्टवाइज निगरानी की इजाजत देने पर प्रशासन को मानना पड़ा। अफजाल अंसारी का कहना था कि उन्हें इस बात की शंका है कि जिला प्रशासन सत्ताधारी दल के इशारे पर पर गड़बड़ी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश की जनता सशंकित है। एसडीएम ने कहा कि गठबंधन के प्रत्याशी हर विधानसभा से तीन लोगों को निगरानी के लिये चाहते थे। ये स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं। उन्होंने बताया कि मंडी परिषद में 125 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। इसमें सात दिन की रिकॉर्डिंग सेव रखी जा सकती है। भ्रामक जानकारी प्रचारित कर लोगों को भ्रम में डाला जा रहा है।
By Alok Tripathi