वर्ष २०१५ में ही शुरू हुए आईआईएम-एस की कैपेसिटी इसी साल ६० से बढक़र १२० हुई थी। फिलहाल यह आईआईएम संबलपुर यूनिवर्सिटी के कैम्पस से ही फंक्शन कर रही है। जैसवाल ने बताया – राज्य सरकार ने संबलपुर यूनिवर्सिटी कैम्पस में आईआईएम-एस के स्टूडेंट्स के लिए तीन होस्टल अलॉट किए हैं। हालांकि जब यूनिवर्सिटी अथॉरिटीज के साथ एमओयू साइन करने की बात आई तो उन्होंने केवल दो ही होस्टी मुहैयार करवाने पर सहमती जताई। हमने दो होस्टल ही लेना स्वीकार किया। एमओयू के अनुसार यूनिवर्सिटी को दो होस्टल्स जुलाई तक उपलब्ध करवाने थे, लेकिन यूनिवर्सिटी अथॉरिटीज ने हमें एक पूरा और एक आधा होस्टल ही मुहैयार करवाया, जिसके कारण स्टूडेंट्स को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
डायरेक्टर ने यह भी कहा कि पिछले माह तक भी संबलपुर यूनिवर्सिटी अथॉरिटीज यह कह रही थीं कि वे सितंबर तक होस्टल में रूम्स दे देंगे, लेकिन अब वे इस बात से मुकर रहे हैं। जैसवाल ने बताया कि चौथे बैच के करीब १५ स्टूडेंट्स अभी भी डोरमिटरी में रहने को मजबूर हैं। उधर संबलपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर दीपक बेहरा ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। उन्होंने एक पूरा और एक आधा होस्टल उपलब्ध करवाया है जिसमें आईआईएम-एस के ७० स्टूडेंट्स रह रहे हैं।
वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रिमाइसेस में नया होस्टल अभी बन रहा है और हम जल्दी ही स्टूडेंट्स को नए होस्टल में शिफ्ट कर देंगे, लेकिन पीडब्ल्यूडी अभी भी इस पर काम कर रहा है। इस मामले को जिला कलैक्टर के साथ भी साझा किया गया है। आईआईएम-एस का परमानेंट कैंपस बसंतपुर में १८० एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। इसके लिए यूनियन कैबिनेट ४०१ करोड़ रुपए अप्रूव कर चुकी है।