scriptअरुण जेटली ने पेट्रोल-डीजल को लेकर सवालों पर काटी कन्नी, जीएसटी कलेक्शन को लेकर कही ये बात | FM Arun Jaitley says gst collection improved did not spoke on petrol | Patrika News

अरुण जेटली ने पेट्रोल-डीजल को लेकर सवालों पर काटी कन्नी, जीएसटी कलेक्शन को लेकर कही ये बात

locationनई दिल्लीPublished: Sep 29, 2018 08:49:52 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को उन सवालों को टाल दिया जो पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी करने के लिए कच्चे तेल के आयात पर कर कटौती पर विचार करने को लेकर पूछा गया था।

FM Arun Jaitely

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा- जीएसटी कलेक्शन में सुधार, पेट्रोल-डीजल को लेकर सवालों पर काटी कन्नी

नर्इ दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को उन सवालों को टाल दिया जो पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी करने के लिए कच्चे तेल के आयात पर कर कटौती पर विचार करने को लेकर पूछा गया था। जेटली से पूछा गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने के लिए क्या सरकार कच्चे तेल पर कर कटौती करने पर विचार कर रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें पिछले एक महीने से भी अधिक समय से रिकॉर्ड ऊंचाइयों को छू रही हैं। जेटली वस्तु एवं सेवा कर परिषद की बैठक के बाद मीडिया को बैठक की जानकारी दे रहे थे।


जेटली ने कहा – एजेंडे में नहीं था पेट्रोल-डीजल
उनसे जब यह पूछा गया कि क्या बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया गया तो उन्होंने कहा, “यह एजेंडा में नहीं था।” कांग्रेस समेत राजनीतिक दल पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं ताकि उनपर लगने वाले करों में कमी हो, जिसके फलस्वरूप लोगों को पंप पर कम दर पर तेल मिलेगा। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि गैर-जरूरी वस्तुओं का आयात कम करने और निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश में पेट्रोल और डीजल की खपत करना भी चालू खाता घाटा कम करने के लिए की जा रही पूरी कवायद का हिस्सा है।


पिछले साल की तुलना में जीएसटी संग्रह बेहतर
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) संग्रह के आंकड़ों से संतुष्ट नजर आ रही सरकार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य अपने राजस्व लक्ष्य को खुद से पूरा करने के रास्ते पर हैं, इसलिए उन्हें इसके लागू होने के पांच साल बाद केंद्र सरकार से मुआवजा मांगने की जरूरत नहीं होगी। जीएसटी परिषद की यहां हुई बैठक के बाद वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि हरेक राज्य के आंकड़ों से यह दिख रहा है कि पिछले साल की तुलना में (अगस्त तक) जीएसटी संग्रह बेहतर हुआ है।


पांच साल से पहले ही शून्य हो जाएगा राज्यों को होने वाला नुकसान
उन्होंने कहा कि इस साल अगस्त जीएसटी के तहत राजस्व संग्रह के राज्यों के लक्ष्य में 13 फीसदी कमी दिख रही है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 16 फीसदी था। उच्च उपभोग के आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि लक्ष्य में कमी का आंकड़ा अभी एक-दो फीसदी और कम होगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम पांच साल की अवधि (जीएसटी लागू करने की) से पहले ही राज्यों को होने वाले नुकसान को शून्य पर ले आएंगे. और राज्य अपने राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब होंगे।”

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो