कालीसिंध और कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से धौलपुर जिले से होकर गुजरने वाली चंबल नदी खतरे के निशान से कई मीटर ऊपर 140 मीटर पर बह रही है। चंबल नदी का बहाव पुराने पुल से मात्र 1.80 मीटर दूर रह गया है। नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों में स्थित गांवों में हाई अलर्ट जारी किया है।
प्रशासन तथा सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पुल के ऊपर से पानी गुजरते ही ग्रामों को खाली कराना पड़ सकता है। नदी उफान पर होने से क्षेत्र के सरमथुरा डांग इलाके में चंबल किनारे बसे आधा दर्जन गांवों का पूरी तरह संपर्क कट गया और अनेक गांव टापू से बन गए हैं।
जानकारी के अनुसार उपखंड क्षेत्र के झिरी इलाके में शंकरपुर, पनावती, हल्लू का पुरा, भगतपुरा, रूंध का पुरा आदि गांवों को जाने वाले रास्ते पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। इन रास्तों पर 15 फीट पानी तक पानी की चादर चल रही है। झिरी गांव के निचले इलाके में बने घरों में पानी भर गया है। झिरी से चंबल की दूरी करीब एक किलोमीटर है, लेकिन नदी में उफान आने से पानी गांव तक पहुंच गया है।
प्रशासन ने गांव वालों को पहले ही सावचेत कर दिया था जिससे कोई जन-हानि के समाचार नहीं हैं और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। तहसीलदार बृजेश मंगल ने इलाके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। सरपंच प्रतिनिधि संजू सिंह जादौन एवं ग्रामीण भी मौके की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
चंबल नदी के बढ़े जलस्तर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी पहुंचने लगे हैं, लेकिन एसपी मृदुल कच्छावा के निर्देश के बाद पुलिस ने लोगों को चंबल नदी के पुराने पुल पर जाने से रोक दिया। वहीं लोगों ने भी बिना पुल पर जाए नदी में बढ़ते जलस्तर को दूर से ही देखा।
एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि चंबल नदी पर बढ़े हुए जल स्तर के कारण चंबल नदी के पुराने पुल पर आवागमन करना खतरनाक है। ऐसे में चंबल नदी के पुराने पुल पर आवागमन पर अस्थाई रूप से कुछ दिनों के लिए संपूर्ण रूप से रोक लगाई गई है।