टैक्स और गाइडलाइन की दरें की जाएं कम….
प्रॉपर्टी सेक्टर इम्प्रूव हो रहा है। अभी और गुंजाइश है। प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे तो बाकी राज्यों की तरह हमारे यहां भी प्रॉपर्टी सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिलेगी। टैक्स और गाइडलाइन की दरें कम करने के लिए सरकार से लगातार बात की जा रही है।
वासिक हुसैन, अध्यक्ष, क्रेडाई, भोपाल
सही प्रतिनिधि चुना जाए, रखेंगे ध्यान..
रोजगार की कमी, गाइडलाइन की दरों का वास्तविक से ज्यादा होना, महंगाई और आमदनी से ज्यादा खर्चे प्रॉपर्टी की खरीदी को कम करते हैं। सरकार को चाहिए कि जीएसटी की दरों में कम करे। वोट देते समय हम इन बातों का ध्यान रखेंगे ताकि सही जनप्रतिनिधि चुना जाए।
मनोज सिंह मीक, प्रवक्ता, क्रेडाई,
मध्यप्रदेशचुनाव के बाद निर्माण में आएगी तेजी…
अभी प्राइमरी मार्केट जैसे नया कंस्ट्रक्शन आदि में मंदी है, लेकिन सेकंडरी यानी री-सेल मार्केट 5 से 10 फीसदी तक नीचे जाने के बाद अब बढ़ रहा है। चुनाव बाद प्राइमरी मार्केट की बेहतरी के संकेत मिलने लगेंगे। नई सरकार हमारे क्षेत्र पर फोकस करेगी तो बेहतर होगा।
एकता रंजन, रियल्टर, एकता रियल्टी सॉल्यूशंस
दिवाली तक सेक्टर में आएगा और बूम….
गणेशोत्सव के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ आई है। निवेशक और जरूरतमंद लोगों के लिए डेवलपर्स ने अच्छी स्कीम लांच की हैं, जिसका फायदा मिल रहा है। दिवाली तक और बूम आने की उम्मीद है। यह सच है कि रेरा आने से प्रॉपर्टी बाजार में पारदर्शिता बढ़ी है।
केएल शर्मा, डायरेक्टर, रीगल होम्स
सड़कों का विस्तार हो ताकि राहत मिले….
रियल एस्टेट व्यवसाय को उबारने के लिए सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं,सब्सिडी का सीधा लाभ ग्राहकों को मिले। राजधानी में मास्टर प्लान की सड़कों के निर्माण व विस्तार की आवश्यकता है, ताकि परिवहन की सुविधा कोने-कोने तक हो जाए।
सुनील गुप्ता, सचिव, क्रेडाई, भोपाल
अंडर कंस्ट्रक्शन पर 12 प्रतिशत और रजिस्ट्री चार्ज 10.3 प्रतिशत सहित टैक्स का भार 22 से 23 प्रतिशत तक है, जिसे कम करना चाहिए। सरकार को सपोर्ट करना चाहिए। आम निवेशक के अलावा 20 लाख से नीचे की कीमत के मकान खरीदने वालों को काफी राहत मिलेगी।
आरबी सिंह, वाइस प्रेसीडेंट, क्रेडाई, भोपाल
अब आवश्यकता के मुताबिक प्रॉपर्टी खरीदी जा रही है। रेरा के के बाद प्रॉपर्टी बाजार में ग्राहकों का विश्वास बढ़ा है। तिमाही रिपोर्ट की अनिवार्यता से हाउसिंग एवं कमर्शियल प्रोजेक्ट के काम में तेजी आई है। इससे निवेशकों को समय पर मकान-दुकान उपलब्ध हो रहे हैं।
नौकरियों की कमी के चलते अब युवा वर्ग कमर्शियल सेक्टर यानी बिजनेस में आ रहा है। इससे कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग में ग्रोथ देखने को मिल रही है। डेवलपर्स भी इस बात का ध्यान रखते हैं। हर साइज की कमर्शियल प्रॉपर्टी बेहतर लोकेशन पर तैयार कर रहे हैं। इसका फायदा भी मिल रहा है।
विकास रमतानी, डायरेक्टर, सुरभि लाइफ स्पेसेस