वहीं मृतक मोहब्बत सिंह के सुसाइड नोट में आरोपी दरोगा और दो आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई कराने के लिए रघुवंशी समाज सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है।
जबकि दूसरी ओर कोलारस के भाजपा विधायक वीरेन्द्र सिंह रघुवंशी ने ध्यानाकर्षण के साथ-साथ गृह मंत्री को एक पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि दरोगा रामवीर सिंह कुशवाह उर्फ दाऊ के विरुद्ध लंबित कई मामलों की जल्द जांच कर दोषी पाए जाने पर बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए, इसके साथ ही आय से अधिक संपत्ति की जांच कराकर राजसात करने किए जाने की मांग की है।
भाजपा विधायक वीरेन्द्र सिंह ने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वच्छ प्रशासन के लिए भ्रष्ट अधिकारियों को नौकरी से बाहर करने की बात कही है। उन्होंने दरोगा रामवीर सिंह कुशवाह का उदाहरण देते हुए कहा कि इनके कार्य और आचरण से पुलिस और शासन की छबि धूमिल हो रही है इसके बावजूद कई वरिष्ठ नेता व विभाग के अधिकारी अपने हितों के लिए इनकी पैरवी करते हैं।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि रामवीर सिंह सन् 1998 में गुना में ही आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ था। इनकी नौकरी का लगभग पूरा समय गुना में ही निकला है, इसके विरुद्ध गुना की सड़कों पर नागरिकों ने जुलूस निकाले हैं, और बदमाशों को संरक्षण देकर चोरी-डकैती कराने के आरोप लगाए हैं।
ग्वालियर जोन और गुना में पोस्टिंग क्यों?
विधायक ने कहा कि वर्तमान में रामवीर सिंह की पोस्टिंग ग्वालियर आईजी ऑफिस में है, इनकी पोस्टिंग ग्वालियर जोन और गुना जिले में करने का क्या कारण है और इससे सिर्फ पारदियों के संबंध में क्या-क्या कार्रवाई क्यों कराई जाती है जब कि इन पर पारदियों से सांठ-गांठ के आरोप लगातार लग रहे हैं।
ध्यानाकर्षण लगा चुके हैं विधायक
विधायक रघुवंशी ने एएसआई मोहब्बत सिंह रघुवंशी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का लेख भी किया है। विधायक ने ये मुद्दा ध्यानाकर्षन, शून्यकाल में भी उठाया है।
इसके बाद से विभाग में खलबली मच गई है। विधायक ने सीएम कमलनाथ से अनुरोध किया है कि भ्रष्टाचार ओर अपराध में संलिप्त लोग चाहें वो किसी भी वरिष्ठ नेता के प्रिय हों,उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए अलग-अलग विभागों को निर्देशित करें।