इन कार्यक्रमों में देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु जुटेंगे। श्रीउवसग्गहरं पाश्र्व जिनालय में तीर्थपति सहित जिनबिंबो की प्रतिष्ठा 5 फरवरी 1995 को आचार्य राजयश सूरीश्वर द्वारा की गई थी। तीर्थ प्रतिष्ठाचार्य की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी वाचंयमाश्री, साध्वी लक्ष्ययशाश्री, साध्वी लब्धियशाश्री व साध्वी आज्ञायशाश्री के सानिध्य में बसंत पंचमी पर 10 फरवरी को सुबह 10 बजे योगीराज श्रीशांति गुरुदेव का पूजन वर्षीतप तपस्वी सरोज देवी गोलछा दुर्ग की ओर से आयोजित की जाएगी।
हर्षद भाई शाह कोलकाता संकुल के 57 शिखरों में ध्वजारोहण करेंगे 11 फरवरी को सुबह तीर्थ संकुल के श्री उवसग्गहरं पाश्र्व, श्री नमिऊण पाश्र्व, श्री कल्याण पाश्र्व, श्री अजाहरा पाश्र्व, श्री उद्योतमणि पाश्र्र्व जिनालयों व गुरुमंदिरों में मुख्यध्वजा लाभार्थी उगमदेवी मांगीलाल पगारिया, दुर्गादेवी गजराज पगारिया परिवार रायपुर के नेतृत्व में अमर स्वरुप परिवार नागपुर, नीलाबेन कीर्तिभाई वोरा मुम्बई, मोहनलाल गुलाबचंद लुंकड़ मद्रास, नवीनभाई कांतिलाल शाह मुम्बई, श्रीकांत ललितकुमार मेहता कटक, फतेहचंद राणावत मुम्बई, दासमल पोरवाल मुम्बई, सुरेखाबेन हरेशभाई पाटणवाला, दुग्गड़ परिवार साजा, घेवरचंद पोरवाल नेल्लूर, भोगीलाल कांतिलाल मेहता, हर्षद भाई शाह कोलकाता संकुल के 57 शिखरों में ध्वजारोहण करेंगे। ध्वजारोहण का विधान सुबह 9 बजे से सत्तरभेदीे महापूजन के साथ होगा।
12 फरवरी से तीर्थ प्रतिष्ठा का रजत जयंति वर्ष
इसी तरह 12 फरवरी से तीर्थ प्रतिष्ठा का रजत जयंति वर्ष शुरू हो रहा है। तीर्थ प्रबंधन द्वारा समयानुसार रजत जयंति वर्ष पर विविध अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष तीर्थ में अक्षय तृतीया को वर्षीतप पारणा उत्सव भी आयोजित होगा। वर्षगांठ उत्सव के लिए प्रतिष्ठाचार्य राजयश सूरी ने शत्रुंजय तीर्थ से तीर्थ ट्रस्टमंडल को संदेश प्रेषित किया है। जिसमें उन्होंनें कहा है कि श्री उवसग्गहरं तीर्थ समूचह्यविश्व के श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। भारत ही नहीं अपितु विदेशों से भक्तगण यहांआकर धन्यता का अनुभव करते हैं। तीर्थपति उवसग्गहरं पाश्र्व प्रभु की प्राचीन अलौकिक प्रतिमा के प्रभाव को अनेक विद्वत आचार्यों ने भी महसूस किया है।