जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने आवश्यक दस्तावेज़ों के नियमतः स्क्रूटिनी आदि के बाद विश्व कीर्तिमान के लिये स्वीकृत कर लिया है। संस्था के एशिया हेड डॉ. मनीष एवं कंट्री हेड आलोक ने सौरभ तुलस्यान को ईमेल एवं फ़ोन से सूचित कर बधाई दिया। 25 सितम्बर को ईमेल से सर्टिफिकेट भेज दिया गया। 26 सितम्बर को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में यह उपलब्धि दर्ज हो जायेगी, जब ग्रेटर नोएडा में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारी सौरभ को विश्व कीर्तिमान का अधिकृत प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करेंगे।
सौरभ ने बताया कि गणित जैसे कठिन माने जाने वाले विषय को आसान और मजेदार बना कर बच्चों को कागज कलम या अन्य किसी बाहरी उपकरण की सहायता लिए बिना मस्तिष्क में ही कैलक्यूलेटर से भी तेज़ गणना करने में सक्षम बनाने के लिये सुपरकिड्ज़ मेन्टल मैथ एकेडेमी की स्थापना किया गया। छह साल पहले टीवी पर छोटे-छोटे विदेशी बच्चों को चुटकियों में गणित के कठिन सवालों को हल करते देख इस विशेष पद्धति को जानने की जिज्ञासा हुई।
इस विषय में अधिक जानकारी हेतु इस क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं से संपर्क किया, काफी जानकारी करने के बाद इस पद्धति से बच्चों को गणित सिखाने हेतु अपने गृह जनपद बस्ती में एक प्रशिक्षण केंद्र प्रारम्भ किया। मात्र 11 विद्यार्थियों से शुरू किये केंद्र में वर्ष के अंत में 4 बच्चे बचे थे। लेकिन हार न मानते हुए केंद्र को चलाते रहने का दृढ निश्चय किया। चूंकि पद्धति में विश्वास हो चुका था और परिणाम अनूकूल मिल रहा था। अतः इसकी उपयोगिता को देखते हुए और गहन अध्ययन प्रारम्भ किया। अबेकस और वैदिक गणित की इस पद्धति को देश के प्रत्येक बच्चे तक उपलब्ध कराने हेतु दो साल पहले सुपरकिड्ज़ एकेडेमी फाउंडेशन के तत्वाधान में सुपरकिड्ज़ मेन्टल मैथ एकेडेमी की स्थापना किया, जो आज कई जनपदों में विभिन्न केंद्रों और विद्यालयों के माध्यम से सैकड़ों बच्चों की जिंदगी बदलने में प्रयासरत है।
देश के प्रत्येक बच्चे को इस विधि से परिचित कराने और गणित का भय दूर करने हेतु *रेजिंग मैथ मैजिशियन* मिशन प्रारम्भ किया गया, जिसके अंतर्गत विद्यालयों, संस्थाओं व जगह जगह लोगों के सहयोग से निःशुल्क कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। वैज्ञानिकों ने भी रिचर्स द्वारा मेन्टल मैथ के अभ्यास को मस्तिष्क के विकास हेतु सर्वश्रेष्ठ प्रमाणित किया है।
By Satish Srivastava