अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा में आये श्रद्धालु हुए हादसे का शिकार दो अलग अलग हादसों में लोगों ने गंवाई जान इस हादसे को लोग भूले भी नहीं थे कि 16 नवंबर की देर रात पड़ोसी जनपद बाराबंकी और लखनऊ के रहने वाले दर्जनभर से अधिक श्रद्धालु भी परिक्रमा मेले में शामिल होने आए थे और परिक्रमा समाप्त कर वापस अपने घर जा रहे थे | इसी दौरान रास्ते में वाहन के अनियंत्रित होकर पलट जाने से 3 श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी | वहीं 9 लोग अब भी अपना इलाज फैजाबाद और लखनऊ के ट्रामा सेंटर में करा रहे हैं | दोनों दुर्घटनाओं की वजह वाहनों का तेज रफ्तार से होना बताया जा रहा है | हालांकि इस तरह की घटनाएं आकस्मिक हैं लेकिन कहीं ना कहीं मानवीय चूक के अलावा सरकारी तंत्र की लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है | 15 नवंबर को बस पलटने की घटना में भी यह बात सामने आई कि बड़ी संख्या में लोग बस की छत पर सवार थे और बस के ड्राइवर ने लापरवाही से बस चलाई और हादसा हो गया | जबकि सरकार को भी इस बात का अंदाजा है कि अयोध्या में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं | ऐसे में एहतियात क्यों नहीं बरती गई यह भी बड़ा सवाल है |
मेला प्रशाशन ने श्रद्धालुओं की घर वापसी के लिए नहीं किये इंतजाम नही चली मेला स्पेशल ट्रेन जान जोखिम में डालकर घर जा रहे श्रद्धालु वही 16 नवंबर की देर रात हुई घटना भी मेला प्रशासन और प्रदेश सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाने वाला है |हर वर्ष की तरह इस वर्ष परिक्रमा मेले में स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई गई | नतीजा यह है कि परिक्रमा समाप्त करने के बाद अपने घर पहुंचने की जल्दी में श्रद्धालु जरूरत से ज्यादा संख्या में वाहनों पर सवार हो रहे हैं | कुछ इसी तरह की घटना रुदौली में भी हुई जब एक मैजिक पर मानक से ज्यादा यात्री सवार हो गए और तेज रफ्तार मैजिक अनियंत्रित होकर पलट गई और तीन लोगों की मौत हो गई | यह घटनाएं इस बात का प्रमाण है कि की तैयारियां चाहे कितनी भी माकूल हो लेकिन छोटी से छोटी चुभी दर्दनाक यादें दे जाती हैं |