खुफिया सूचना के आधार पर की गई फायरिंग: आतंकवाद निरोधक विभाग
इसमें कार में सवार एक परिवार के एक व्यक्ति, उसकी पत्नी और नाबालिग बेटी समेत चार लोग मारे गए। मारे गए लोगों के परिवालों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताया है। इसके बाद लोगों ने जमकर इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। जानकारी के मुताबिक वहां के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने दावा किया कि ये ऑपरेशन खुफिया सूचना के आधार पर चलाया गया था। सीटीडी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ आतंकवादी हथियारों और विस्फोटक माल लेकर साहीवाल की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने इसी टिप के आधार पर कार्रवाई की।
‘देश के वॉन्टेड टेररिस्ट की सूची में शामिल था नाम’
इस मुठभेड़ में एक किराना दुकान का मालिक मोहम्मद खलील, उनकी पत्नी नाबीला, और उनकी बेटी समेत कार चला रहे उनके मित्र जीशान जावेद शामिल हैं। इस मुठभेड़ में इस जोड़े का नाबालिग बेटा भी घायल हुआ। मौके पर उसकी दो और बेटियां भी मौजूद थी, जो वारदात का शिकार होने से बच गई थी। एक और पुलिस ने दावा किया कि इन सभी का नाम देश के वॉन्टेड टेररिस्ट की सूची में शामिल था। दूसरी ओर घटना का गवाह बने लोगों और पीड़ितों के परिवारवालों ने इस दावे को सिरे से नकारते हुए एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी अखबार को जानकारी दी कि पुलिस ने इस फर्जी मुठभेड़ में चार लोगों की जान ली है।
फर्जी थी मुठभेड़, लोगों में आक्रोश
परिजनों का दावा है कि इस मुठभेड़ के बाद उनकी गाड़ी से किसी तरह का संदिग्ध सामान या हथियार बरामद नहीं गया। गुस्साए पीड़ितों के परिवारवालों ने क्षेत्र के अन्य नागरिकों के साथ मिलकर लाहौर में विरोध प्रदर्शन और सड़क पर जाम लगाया। बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार उस्मान बुजदार से घटना संबंधित रिपोर्ट मांगी है। साथ ही उन्होंने मुठभेड़ की निष्पक्ष और गंभीरता से जांच के आदेश भी दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने गोलीबारी करने वाले सीटीडी अधिकारियों को गिरफ्तार करने के आदेश भी जारी किये है। इस घटना की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के गठन की घोषणा भी की गई है।