मनोज कुमार ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मामले का सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होना अच्छी बात है। इससे पूरे देश और दुनिया को पता चल रहा है कि आक्रमणकारी बाबर के समय किस तरह मंदिरों का ध्वंस किया गया था। यहां तक कि करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य श्रीराम के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का ढांचा खड़ा कर दिया गया। आक्रमणकारी यह भी भूल गए कि अवैध कब्जे वाली भूमि पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है। मस्जिद बनाने के लिए भूमि को खरीदना होता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर श्रीराम जन्मभूमि पर खोदाई कराई थी। एएसआई की टीम में पुरातत्व अधिकारी मोहम्मद केके भी शामिल थे। सबने यही पाया कि मस्जिद के नीचे हिन्दू मंदिर था। जब यह रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की गई तो सबकुछ साफ हो गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट के आधार पर 30 सितम्बर, 2019 को फैसाल दिया था। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी गई।
राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि अब इसमें कोई शक नहीं है कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनेगा। अब तक सुनवाई के दौरान जो प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं, उससे इस बात के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। करोड़ों हिन्दुओं को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।