मानवाधिकार मंत्री कामरान माइकल ने नेशनल एसेम्बली में विधेयक पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इस विधेयक को सीनेट ने फरवरी में ही मंजूरी दे दी थी। इसे कानून बनाने के लिए अब राष्ट्रपति ममनून हुसैन के हस्ताक्षर की दरकार है। विधेयक को संबंधित मंत्रालयों, विभागों और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों सहित कई लोगों की सलाह के बाद अंतिम रूप दिया गया। तो वहीं विधेयक के मुताबिक, विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है।
माइकल के मुताबिक, यह अल्पसंख्यकों के वैध अधिकारों और हितों व उनके विवाह, परिवार, माताओं और बच्चों की रक्षा के लिए एक संवैधानिक दायित्व है। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू विवाह और सहायक मामलों के पंजीकरण को विनियमित करने के लिए कोई कानून नहीं था। माइकल ने कहा कि सरकार महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों सहित मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार है जब हिंदू विवाह के पंजीकरण के लिए एक विधेयक में व्यवस्था दी गई है। इसमें शादी के अनुबंध के लिए शर्ते, विवाह विघटन की प्रक्रिया, और विवाह विघटन का आधार भी शामिल है।