अल्दी को रात में मछली पकड़ने के लिए एक लैंप, एक वॉकी-टॉकी जिससे वे अपनी कंपनी से संपर्क करते रहें। लेकिन 14 जुलाई को सब बदल गया जब जबरदस्त तूफान में अल्दी की नाव की डोर तट पर लगे बांध से टूट गई। इसके बाद नाव तेज़ हवाओं में बहकर हजारों मील दूर गुआम जलक्षेत्र में पहुंच गई। बता दें कि, वो नाव एक रोमपोंग थी जिसमें न तो कोई पेडल थे, न ही इंजन यही वजह थी कि वो खुद तट पर नहीं पहुंच सकते थे। पूरे 49 दिन समुद्र में फंसे अल्दी के पास किसी दूसरी नाव से सहारा लेने के आलावा कोई चारा नहीं था। 49 दिन समुद्र में फंसे अल्दी ने ठंड से बचने को नाव की लकड़ी काट-काटकर जलाई, और भूख मिटाने के लिए जाल में फंसने वाली मछली को आग में भूनकर खाते थे समुद्र का खारा पानी टीशर्ट से छानकर पीते थे, ताकि शरीर में नमक की अधिकता न हो। एक बार अल्दी को लगा कि वे आत्महत्या कर लें लेकिन हमेशा वो हिम्मत बांधते रहे और आखिरकार 31 अगस्त को गुआम तट से गुजर रहा पनामाई जहाज ‘अरपेगियो’ आल्दी के लिए मसीहा बनकर पहुंचा।