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वाराणसी

बाहुबली क्षत्रिय नेता राजा भैया लड़े यह चुनाव तो जीत मिलेगी या हार

लगातार छह बार से हैं विधायक, बाहुबली नेता को चुनाव हराना नहीं है आसान

वाराणसीMay 01, 2018 / 04:10 pm

Devesh Singh

Raja Bhaiya

Raja Bhaiya

वाराणसी. बाहुबली क्षत्रिय नेता राजा भैया को जलवा किसे से छिपा नहीं है। कुंडा विधानसभा सीट से बिना किसी दल के टिकट के ही राजा भैया छह बार से विधायक बनते आये हैं। राजा भैया अभी तक एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। प्रतापगढ़ को राजा भैया को गढ़ माना जाता है अब सवाल उठता है कि राजा भैया यहां से संसदीय चुनाव क्यों नहीं लड़ते हैं। यदि वह चुनाव लड़े तो जीत या हार में क्या मिलेगा।
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राजनीति में करियर बनाने वाले नेताओं के लिए संसदीय चुनाव सबसे महत्वपूर्ण होता है। राजा भैया जैसे बाहुबली नेता के लिए यह चुनाव जीतना बहुत कठिन नहीं है। राजा भैया के भाई अक्षय प्रताप सिंह सपा के टिकट से संसदीय चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में राजा भैया संसदीय चुनाव से दूरी बना कर क्यों रखते हैं। राजा भैया के सहयोग के बिना अक्षय प्रताप सिंह संसदीय चुनाव नहीं जीत सकते हैं इसके बाद भी राजा भैया कभी संसदीय चुनाव नहीं लड़ते हैं।
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1993 से चुनाव जीत रहे हैं राजा भैया
राजा भैया ने 1993 में मात्र 24 साल की आयु में विधानसभा का चुनाव जीता था इसके बाद से अभी तक कुंडा से राजा भैया ही चुनाव जीतते आये हैं। राजा भैया की जीत में सबसे खास बात होती है कि उनके वोटों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। क्षत्रियों के अतिरिक्त अन्य सभी जातियों के लोग भी राजा भैया को वोट देते हैं। प्रतापगढ़ में राजा भैया जहां भी जाते हैं लोगों का उन्हें समर्थन मिलता है। ऐसे में प्रतापगढ़ की सीट से राजा भैया चुनाव लड़ते हैं तो हार व जीत दोनों ही मिल सकती है।
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राजा भैया नहीं छोडऩा चाहते हैं कुंडा के लोगों का साथ
संसदीय चुनाव में राजा भैया को बीजेपी व सपा से आराम से टिकट मिल सकता है। अखिलेश यादव की नाराजगी के बाद भी सपा किसी भी हाल में राजा भैया का साथ छोडऩा नहीं चाहेगी। सीएम योगी व राजा भैया के रिश्तों को लेकर आये दिन चर्चा होती रहती है ऐसे में राजा भैया को दोनों दल से टिकट मिल सकता है इसके बाद भी राजा भैया ने कभी संसदीय चुनाव लडऩे की बात नहीं की है। राजा भैया भी जानते हैं कि संसदीय चुनाव का समीकरण अलग होता है। यदि संसदीय चुनाव में किन्हीं कारणों से उन्हें हार मिलती है तो बाहुबली क्षत्रिय नेता के लिए यह बड़ा झटका होगा। यदि राजा भैया चुनाव जीत भी जाते हैं तो उन्हें कुंडा छोडऩा पड़ेगा। राजा भैया किसी भी हाल में कुंडा नहीं छोडऩा चाहते हैं इसलिए अभी तक संसदीय चुनाव से दूरी बनाये रखी है। संसदीय चुनाव २०१९ में एक बार फिर मैदान में राजा भैया के भाई अक्षय प्रताप सिंह मैदान में उतर सकते हैं, ऐसे में राजा भैया का संसदीय चुनाव लडऩा बेहद कठिन है।
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