गोरखपुर के खजनी ब्लॉक में बीजेपी के विकास सिंह ने सपा के कपिलमुनि यादव को बड़े अंतर से हरा दिया। 97 में से विकास सिंह को 66 वोट मिले। बताते चलें कि पंचायत चुनाव के दौरान हुए प्रमुख चुनाव में समाजवादी पार्टी के राजमन यादव निर्विरोध चुने गए थे। दो साल बाद बीजेपी की सरकार बनते ही उनके खिलाफ बीडीसी एकजुट हुए और लोकसभा उपचुनाव के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। मई माह में अविश्वास पर चर्चा हुई तो 66 बीडीसी ने खिलाफ किया जिससे राजमन यादव की कुर्सी चली गई। इस बार यहां से समाजवादी पार्टी की ओर से कपिलमुनी यादव थे तो उनके सामने बीजेपी के विकास सिंह थे।
चंदौली जिले की बरहनी ब्लॉक प्रमुख की सीट बीजेपी के लिये काफी प्रतिष्ठापरक हो गयी थी। यहां भी बीजेपी ने ही बाजी मारी। 91 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से 85 ने अपने वोट डाले जिसमें कांटे की टक्कर में बीजेपी समर्थित गुड्डू गुप्ता जीत गए। उनकी जीत के बाद समर्थकों में खुशी की लहर देखी गयी। मतगणना के लिये कड़े सुरक्षा प्रबंध किये गए थे।
जौनपुर का सुईथाकला ब्लॉक में तो बीजेपी खेमे की कविता वर्मा निर्विरोध निर्वाचित हो गयीं। यहां उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी की प्रेमशीला यादव के साथ था। दोनों ओर से ताल ठोकी जा रही थी पर शुक्रवार को नाम वापसी के अंतिम क्षणों में प्रेमशीला ने अपना नाम वापस ले कर सबको चौंका दिया। इसके बाद शनिवार को कविता वर्मा को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया।
कौशाम्बी के नेवादा ब्लॉक में भी भाजपा समर्थित राधा ने बाजी मारी। उनका मुकाबला संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार पुष्पा को 25 मतों हरा दिया। राधा को 55 व पुष्पा को 25 वोट मिले। 93 सदस्यों वाले सदन में 90 बीड़ीसी सदस्यों ने वोट किया, जिसमें पांच मतों को अवैध घोषित कर दिया गया।
कुशीनगर जिले का विशुनपुरा ब्लॉक ही ऐसा रहा जहां से सपा के लिये खुशखबरी आयी। यहां पूर्व प्रमुख विक्रमा यादव के छोटे भाई लल्लन यादव 92 वोट पाकर वजयी हुए हैं। इन्होंने बीजेपी समर्थित प्रत्याशी अरुण राय को हराया। अरुण को महज 25 मिले, जबकि सात वोट नोटा हुआ है। यह कुर्सी पहले कंचन जायसवाल बीजेपी के पास थी। इनके खिलाफ विक्रमा यादव के नेतृतव में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।