बामणिया शुक्रवार शाम को लोककला मंडल परिसर में आदि महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने आए थे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रतिभाओं को निखारने के लिए कोचिंग सेंटर में तैयार करेंगे। एक विशेष योजना बनाकर हम बच्चो ंको काउसंलिंग के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे, ताकि बेहतर शिक्षा के साथ-साथ मार्गदर्शन मिल सके। जनजाति क्षेत्र के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। केन्द्र से सहयोग की उम्मीद पर उन्होंने कहा कि सबके काम करने के अलग-अलग तरीके हैं, काम करने की मंशा साफ होनी चाहिए। गरीब परिवारों के आदमी को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदि महोत्सव में अभी तो प्रदेश के लोक कलाकारों की कला ही देखने को मिली, लेकिन जल्द ही देशभर के आदि समाजों को जोडक़र आयोजन करेंगे। इससे पुरानी परम्पराएं मजबूत होंगी व सामाजिक विकास होगा।