मामला यह था कि पीपलू क्षेत्र के नानेर चौराहा पर 16 मई गुरुवार रात्रि को हुई एसीबी कार्रवाई के दिन पीपलू थाने के कांस्टेबल कैलाश जाट को बनास नदी की बजरी के भरे वाहन परिवहन कराने के पेटे रिश्वत लेते हुए दबोचा था।
साथ ही इस मामले में सहयोग करने वाले कांस्टेबल कैलाश जाट के सहयोगी शंकर व राकेश जाट को गिरफ्त में लिया था, लेकिन इस मामले में लिप्तप्त थाना प्रभारी फरार हो जाने से एसीबी उन्हें लगातार तलाश रही है।
कांस्टेबल कैलाश जाट उस दिन छुट्टी पर था, लेकिन रोजाना वसूली की लत लगी होने से गुरुवार रात्रि को 11.30 बजे 6 हजार रुपए की रिश्जत लेते हुए एसीबी के शिकंजे में ला दिया।
इस दौरान रात्रि 8 से 11.30 बजे की बीच में वसुली गई रिश्वत की 1 लाख 46 हजार 500 रुपए की राशि भी एसीबी द्वारा जब्त की थी। मामले में एसीबी ने पुख्ता सबूत मिलने के चलते थाना प्रभारी को भी दोषी मानते हुए चिन्हित किया था, लेकिन भनक लगने पर फरार हुए पीपलू एसएचओ ( piplu thanedaar suspend) विजेंदर गिल को जिला पुलिस मुख्यालय ने कार्रवाई के 9 दिन बाद भी कोई कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा।
इस पर पीपलू थाना के फरार चल रहे एसएचओ विजेंद्र गिल को कार्यालय पुलिस महानिदेशक मुख्यालय जयपुर ने शनिवार को निलंबन करने की कार्यवाही करते हुए पुलिस मुख्यालय पर उपस्थित होने के आदेश जारी किए हैं।
एसीबी का मानना हैं कि थानाधिकारी की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई बड़े राज खुलेंगे। इसमें कई कांस्टेबल, उच्चाधिकारियों के भी तार थानाधिकारी से जुड़े हैं। यह भी एक कारण हो सकता हैं कि जिला पुलिस द्वारा थानाधिकारी के विरुद्ध एसीबी की कार्रवाई के 9 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करना रहा।