जिसे आज तक तलाशा नही जा सका है। छतरपुर रेंज डीआईजी अनिल माहेश्वरी और एसपी अनुराग सुजानिया ने बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में मामले का खुलासा किया। वहीं मामले को लेकर नगर के गांधी चौक पर सुबह से मंयक के परिजन भूख हडताल पर बैठे रहे। जिसे देर शाम पूर्व विधायक और एसडीओपी की समझाइश के बाद तोडा गया।
हत्या हुई लेकिन नहीं मिला शव
नगर के नरसिंह कॉलोनी निवासी मयंक खरे का २५ सितम्बर को ही अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। डीआईजी माहेश्वरी और एसपी सुजानिया ने बताया कि 2५ सितम्बर को शाम करीब 5 बजे मयंक पिता सुभाषचंद्र खरे घर से बिना बताए गया था। उसके भाई प्रियंक खरे द्वारा रात करीब 1 बजे मयंक की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने जांच को आगे बढाया तो चकरा निवासी ईशाक खांन के साथ मंयक के होने की जानकारी मिली। आरोपी ईशाक ने पुलिस को बताया कि मयंक का उसके घर आना जाना था। जिसके कारण उसके संबध उसके परिजन से हो गए थे।
जिसको लेकर उसने कई बार मंयक को मना किया,लेकिन वह नही माना। डीआईजी माहेश्वरी ने बताया कि घटना के दिन नवरात्र के पहले पार्टी करने के बहाने ईशाक अपनी कार नंबर एमपी ३६ सी ८०५५ से मंयक को बम्होरीकलां की ओर ढाबे पर ले गया। शराब पीने के लिए अपनी कार में बैठाकर शराब में नशे की गोली डालने के बाद इशाक ने अपनी लाइसेंसी १२ बोर की बंदूक से कार में ड्राइवर सीट के बाजू में बैठे मयंक खरे को गोली मारी जो उसके कंधे में लगी। फि र दूसरी गोली भी दागी जिसमें मयंक झुक गया । जिससे गोली कार के पिछले दरवाजे को तोड़ते हुए बाहर निकल गई ।
घायल मयंक को लेकर इशाक अपने गांव बराना गया । जहां अपने चचेरे भाई इकबाल की मदद से मयंक का गला घोंटा । उसके बाद इटायली गांव के पास शव ले जाते समय कार खराब हो गई तो इकबाल ने अपने रिश्तेदार शहीद, रहीश और मजीद को बुलाया। जिन्होंने कार धोने में मदद करते हुए मयंक की चप्पल, इशाक का खून लगा पैंट ,गाड़ी के खून लगे सीट कवर मवई के तालाब में फेंक दिए थे । इसाक ने मृतक मयंक खरे का मोबाइल अपने पास रख लिया । इशाक और इकबाल मृतक की लाश को लेकर कार से नौगांव तरफ गए ।
इस दौरान दोनो ने धसान नदी के पुल पर से मयंक खरे की लाश एक चादर में बांधकर नदी में फेंक दी । २५ सितम्बर को बारिश तेज होने के कारण वहाव भी तेज था। इशाक और इकबाल उस कार से अपनी बहन फ ातिमा के घर धौरा थाना अजनार जिला महोबा रात करीब 2.30 बजे पहुंचे । अपनी बहन फ तिमा और जीजा रहमान को घटना की जानकारी दी ।
जिन्होंने इसाक और इकबाल के कपड़े उतरवाकर अपने लड़के के कपड़े पहनने आरोपियों को दिए । घटना में प्रयोग की गई लाइसेंसी बंदूक इटायली कला में पन्नालाल चतुर्वेदी के घर से बरामद की गई। पन्नालाल ने ३ हजार आरोपियों को देकर बंदूक रखी थी।घटना में प्रयुक्त कार के साथ ही मयंक खरे की चप्पल , आरोपी इशाक की खून से लगी पेंट, कार का सीट कवर को पुलिस द्वारा पूर्व में जप्त कर मयंक खरे के मां-पिता और आरोपी के पिता से डीएनए मिलान के लिए एफ एसएल भेजे हैं ।
मुख्य आरोपी सहित ११ गिरफ्तार
इसके साथ ही सहयोग करने एवं साक्ष्य छुपाने और षडयंत्र में शामिल होने वाले पन्नालाल चतुर्वेदी, आबिद खान , फ तिमा बेगम ,रहमान खान ,मजीद खान ,शहीद खान ,रहीम खान ,कल्लू खान ,वाहिद खान को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
प्रदेश के साथ ही उप्र में भी तलाश जारी
एसपी सुजानिया ने बताया कि पुलिस की पांच टीमें बम्होरीकलां के मवई और रतवांस तालाब से शुरू हुआ अभियान उत्तर प्रदेश में बने देवरी बांध तक पहुंच गया हैं। पुलिस धसान नदी में मयंक के शव को लगातार खोज कर रही हैं। थाना बम्हौरीकला ,जतारा , पलेरा, दिगौडा और कोतवाली क्षेत्र में नदियों ,तालाबों ,जंगलों ,पहाड़ों पर तलाशी अभियान चलाया गया ।
जिसमें करीब 100 लोगों को 10 दिनों तक इस कार्य में लगाए जाने के बाद लाश का कोई सुराग नही मिला है। घटना के बाद से दो-तीन दिन तक लगातार बहुत तेज बारिश होने से नदी में बहाव होने से मयंक के बारे में कोई और जानकारी नहीं मिली है ।
पुलिस की यह टीम रही शामिल
मामले में एसडीओपी सुरेश सेजवाल ,डीएसपी योगेंद्र सिंह ,एफ एसएल अधिकारी भरत यादव ,थाना प्रभारी कोतवाली अनिल सिंह मौर्य ,थाना प्रभारी जतारा आनंद सिंह परिहार ,थाना प्रभारी बम्हौरीकला वीरेंद्र सिंह पवार ,थाना प्रभारी लिधौरा हिमांशु भिंडिया ,एसआई हरीश सोलंकी ,नीतू सिंह ,अनुजा मिश्रा , रघुराज सिंह,मयंक नगायच के साथ ही सायबर सेल के आरक्षक रहमान खान ,आरक्षक अरविंद ,निरंजन ,आरक्षक अनुपम तिवारी की प्रमुख भूमिका है।