ऑनलाईन हो जाएगा डाटा
प्रदेश में शुरू किए जा रहे पायलट प्र्रोजेक्ट के तहत प्रदेश की सभी जमीनो के दस्तावेज ऑनलाइन किए गए है। एमपी लैण्ड़ रिकॉर्ड की बेबसाइट पर उपलब्ध रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया गया है। जिला सूचना केन्द्र के सहायक मैनेजर अविनाश पाठक ने बताया कि रेलवे के आआरसीटीसी की तर्ज पर बेव जीआईएस को तैयार किया गया है। इसके लिए संबधित को अपना अकाउंट बनाना होगा।
नही लगाना होगा टिकिट
ऑनलाइन दस्तावेज मिलने पर खास बात रहेगी कि किसान को किसी भी तरह की टिकिट का खर्च वहन नही करना होगा। जिला सूचना केन्द्र के सहायक मैनेजर पाठक का कहना था कि पूरी तरह से डिजीटल साइन वाले दस्तावेज डाउनलोड किए गए है। इन दस्तावेजो को बिना टिकिट के ही मान्य किया जाएगा। जैसे ही कम्प्यूटर संचालक नकल की मांग करेगा तो भुगतान करते ही उसके ई वॉलेट में डिजीटल साइन वाली नकल की कॉपी आ जाएगी।
शासन के द्वारा फिलहाल एक पेज के लिए ३० रुपए निर्धारित किए गए है। इस व्यवस्था के तहत खसरा बी-१,नक्शा उपलब्ध हो जाएगें। खास बात है कि इस व्यवस्था के अमल में आने के बाद लोकसेवा केन्द्रो के कामकाज पर असर होगा। गॉव में ही नकल मिल जाने से किसान को तो राहत रहेगी लेकिन लोकसेवा केन्द्र चलाने वालो को नुकसान जरूर होगा।