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टीकमगढ़

गॉव में ही मिल जाएगी खसरा की नकल

प्रदेश में जल्द शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

टीकमगढ़May 22, 2019 / 08:24 pm

vivek gupta

Document farmer's computer shop

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टीकमगढ…जिले के किसानो को अपनी जमीन की खसरा नकल,नक्शा और अन्य दस्तावेजो के लिए अब शहर के चक्कर नही लगाने होगें। यह सभी दस्तावेज किसानो को गॉव के ही किसी कम्प्यूटर दुकान संचालक से मिल जाएगें। इसके लिए कम्प्यूटर संचालक को नेटबैकिंग या अन्य माध्यम से ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था रखनी होगी। इस तरह किसानो को लोकसेवा केन्द्र के चक्कर काटने नही होगें और उन्हे गॉव में ही खसरा खतौनी सहित अन्य दस्तावेज मिल जाएगें।
प्रदेश सरकार ने योजना के पायलट प्रोजेक्ट में टीकमगढ जिले को शामिल किया है। इससे एक ओर सभी लोकसेवा केन्द्रो को सरकार से दी जाने वाली राशि की बचत होगी,वही किसानो का गॉव से केन्द्र तक आने की समस्या से निजात मिलेगी। जिसे लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है। जल्द ही नई व्यवस्था का लाभ जिले के किसानो को मिल सकेगा।


ऑनलाईन हो जाएगा डाटा
प्रदेश में शुरू किए जा रहे पायलट प्र्रोजेक्ट के तहत प्रदेश की सभी जमीनो के दस्तावेज ऑनलाइन किए गए है। एमपी लैण्ड़ रिकॉर्ड की बेबसाइट पर उपलब्ध रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया गया है। जिला सूचना केन्द्र के सहायक मैनेजर अविनाश पाठक ने बताया कि रेलवे के आआरसीटीसी की तर्ज पर बेव जीआईएस को तैयार किया गया है। इसके लिए संबधित को अपना अकाउंट बनाना होगा।

जिसके लिए दो माह पहले तक की नकल अपडेट कर दी गई है। इस साफ्ॅटवेयर की मदद से कोई भी कही से भी निर्धारित शुल्क का भुगतान कर नकल प्राप्त कर सकेगा। उनका कहना था कि ऑनलाइन डाटा को लेने के लिए ऑनलाइन ही भुगतान करना होगा। इसके लिए संबधित कम्प्यूटर केन्द्र संचालक को नेटबैंकिग का उपयोग करना जरूरी है।

नही लगाना होगा टिकिट
ऑनलाइन दस्तावेज मिलने पर खास बात रहेगी कि किसान को किसी भी तरह की टिकिट का खर्च वहन नही करना होगा। जिला सूचना केन्द्र के सहायक मैनेजर पाठक का कहना था कि पूरी तरह से डिजीटल साइन वाले दस्तावेज डाउनलोड किए गए है। इन दस्तावेजो को बिना टिकिट के ही मान्य किया जाएगा। जैसे ही कम्प्यूटर संचालक नकल की मांग करेगा तो भुगतान करते ही उसके ई वॉलेट में डिजीटल साइन वाली नकल की कॉपी आ जाएगी।

शासन के द्वारा फिलहाल एक पेज के लिए ३० रुपए निर्धारित किए गए है। इस व्यवस्था के तहत खसरा बी-१,नक्शा उपलब्ध हो जाएगें। खास बात है कि इस व्यवस्था के अमल में आने के बाद लोकसेवा केन्द्रो के कामकाज पर असर होगा। गॉव में ही नकल मिल जाने से किसान को तो राहत रहेगी लेकिन लोकसेवा केन्द्र चलाने वालो को नुकसान जरूर होगा।

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