कासनियां ने कहा कि भोजेवाला गांव के पास सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से बनाई गई सडक़ों का ग्रेवल पांच इंची नहीं है, वे खुद जाकर देखकर आए है। जहां रिकारपेट सडक़ें बनी है, उनका ग्रेवल दो इंची से कम है। यह सुनकर वहां पीडब्ल्यूडी के एसई सुशील बिश्नोई ने कहा कि सडक़ें तो सही बनी है। इस पर तैश में आए विधायक कासनियां बोले कि अगर ऐसा वहां घालमेल नहीं है तो वे विधायक पद से इस्तीफा देने को तैयार है। आचार संहिता के दौरान बनी सडक़ों की हालत को कभी चैक नहीं किया गया है, सीधा बजट उठाव किया जा रहा है।
इस पर कलक्टर ने मामले की गंभीरता को लेते हुए बीकानेर क्वालिटी कंट्रोल से जांच कराने के आदेश दिए। कलक्टर ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से मौके पर जाकर सडक़ों की जांच करने के लिए पाबंद किया। इस पर कासनियां ने फिर से बोले कि कहीं ऐसा न हो कि जांच करने से पहले वहां फिर से ट्रकों से माल डलवाकर मामले की खानापूर्ति कर लो। इस पर एसई बिश्नोई ने आश्वास्त किया कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
इससे पहले सूरतगढ़ और श्रीगंगानगर विधायक ने आवारा पशुओं की समस्याओं को हल कराने की मांग की। कासनियां यहां तक बोले कि उन्हेांने विधानसभा में शपथ लेने के दौरान यह मुददा उठाया है। उनका कहना था कि सरकार ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाने का दिखावा किया गया, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। इस संबंध में उन्होनें कहा कि श्रीगंगानगर और श्रीकरणपुर विधानसभा में एक बीघा भूमि नहीं है कि वहां आवारा पशुआं को रखा जाएं ऐसे में टिब्बा क्षेत्र में बरानी भूमि पर आवारा पशुओं के लिए बड़ी गौशाला या नंदीशाला बनाने से समस्या हल हो सकती है।
उन्होंने कलक्टर से इस मामले में जिला स्तर पर समाधान निकालने का आग्रह किया। वहीं श्रीगंगानगर विधायक राजकुमार गौड़ का कहना था कि कुतों से लोग घायल हो रहे है, इस संबंध में कोई कदम भी उठाया जाएगा या नहीं।
डायरेक्टर भांभू ने चार साल से प्राइवेट शिक्षण संस्थाअेां के शिक्षकों के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र मामले की जांच पिछले चार साल से चल रही है लेकिन अब तक पूरी नहीं हो पाई है। उनका कहना था कि राजस्थान पत्रिका ने तो पहले ही अपनी विशेष रिपोर्ट में यह अंकित कर दिया था कि प्रभावशाली लोगों के खिलाफ जांच की प्रक्रिया महज खाानापूर्ति रह जाएगी, पत्रिका न्यूज की यह बात सच साबित हो गई है। इस प्रकरण में दो आरएएस अधिकारी लगाए थे लेकिन दोनों अधिकारियों के तबादले भी हो गए है।
इस पर सीईओ ने तत्कालीन अधिकारियों को बुलाकर पूरे प्रकरण की जांच करने का आश्वासन दिया, यह जांच कब तक होगी इस सवाल पर सीईओ भी चुप्पी साध गए।
श्रीविजयनगर को छोडकऱ शेष जिले में छात्राओं को छात्रवृत्तियों का भुगतान अटकने का मामला उठा तो पूरा सदन हंगामा करने लगा। सदस्यों का कहना था कि मनरेगा में नब्बे दिन कार्य दिवस पूरा करने वाले श्रमिकों की बेटियों को छात्रवृत्ति मिलती है लेकिन अब श्रम विभाग ने ग्राम सचिव की आइडी के बाद ही ऑनलाइन फार्म को स्वीकारने की बात कही है, इस कारण यह प्रक्रिया अधिक जटिल हो गई है। श्रम विभाग के अधिकारी का कहना था कि यह सरकार का बनाया हुआ नियम है। इस पर कलक्टर ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया।
मीटिंग के दौरान सदस्येां और विधायकों का कहना था कि एक पंचायत में एक शराब ठेका स्वीकृत है लेकिन हकीकत में एक पंचायत में तीन तीन ठेके खुले हुए है। विधायक जांगिड़ का कहना था कि एक गोदाम के लाइसेंस पर शराब बिक रही है। विधायक लूथरा बोले कि रात आठ बजे के बाद सरेआम शराब बेचने का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है।
अनूपगढ़ विधायक का कहना था कि परचून की दुकानों पर शराब बेची जा रही है। डायरेक्टर का कहना था कि आबकारी अधिकारी को निलम्बित करने के बावजूद जिले में अवैध शराब की बिक्री जोरो पर है। जनप्रतिनिधियों ने जब घेरा तो श्रीगंगानगर के सीओ ग्रामीण ने इस मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया।
जिला परिषद डारेक्टर डूंगरराम गेदर का कहना था कि जिले के 372 सरकारी स्कूल ऐसे है जहां अब तक बिजली कनैक्शन नहीं है। इसमें 14 स्कूल तो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय शामिल है। रायसिंहनगर विधायक लूथरा ने कहा कि जिले के सरकारी
स्कूलों में कम्प्यूटर लैब तक नहीं है।
इस पर शिक्षा अधिकारी हरचंद गोस्वामी का कहना था कि जल्द ही विद्युत कनैक्शन और कम्प्यूटर लैब स्थापित की बात कही।
डायरेक्टर बलराम मेघवाल बोले कि उन्होंने प्रतिनियुक्ति पर बैठे कर्मचारियों की सूची मांगी थी लेकिन आठ महीने के बाद इस मीटिंग में यह जानकारी दी गई है कि एक शारीरिक शिक्षक को ही मूल स्थान पर भिजवाया गया है।
जिला परिषद में शिक्षा संबंधित कामकाज देखने वाले अधिकारी बनकर लंबे समय से जमे बैठे प्रदीप कामरा को किस प्रभावशाली व्यक्ति या जनप्रतिनिधि की ताकत है उसका तो नाम बता दो। यह सुनकर सीईओ ने उसी समय प्रतिनियुक्ति पर बैठे कार्मिको की सूची मंगवा ली। इस पर वे बोले कि कामरा गांव 501 एलएनपी के सरकारी स्कूल से यहां आए हुए है, उनको वापस भिजवाने की प्रक्रिया होगी।