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श्री गंगानगर

गांव में पसरा मातम: एक साथ छह अर्थियां उठी तो बिलख उठे परिजन, हर किसी की आंखें हुई नम

मृतक हेतराम अपनी पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रमेश नाई की क्रूजर को किराए पर लेकर अनूपगढ़ के गांव 86 जीबी में अपने बहनोई की मौत पर शोक व्यक्त करने गए हुए थे। शोक व्यक्त करने के बाद सभी लोग क्रूजर में सवार होकर वापस कीकरवाली आ रहे थे। लेकिन सलेमपुरा के पास क्रूजर हादसे की शिकार हो गई।

श्री गंगानगरApr 27, 2024 / 07:47 pm

Ajay bhahdur

गांव में पसरा मातम

रायसिंहनगर. श्मशान घाट में जलती चिताएं।

रायसिंहनगर. अनूपगढ़ रोड़ पर समेजा कोठी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सलेमपुरा के पास शुक्रवार को एक सड़क हादसे में मौत के शिकार हुए कीकरवाली निवासी चार महिलाओं व दो पुरुषों के शव शनिवार को गांव कीकरवाली पहुंचे। जहां गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। जब गांव से एक साथ छह अर्थियां एक साथ उठी तो ग्रामीणों व वहां मौजूद लोगों की आखों में आंसू छलक उठे। मृतकों के परिजनों की हालत देख हर कोई गमजदा था।
घटना के बाद कीकरवाली गांव में दूसरे दिन शनिवार को भी मातम पसरा रहा। शवों को जैसे ही अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया, गांव में कोहराम मच गया। महिलाएं शवों पर लिपट-लिपट कर रो पड़ीं। शनिवार दोपहर 11 से 12 बजे तक सभी मृतकों का दाह संस्कार किया गया। जैसे ही मृतकों को मुखाग्नि दी, वहां मौजूद लोगों की आंखें छलक पड़ी। गौरतलब है की मृतक हेतराम अपनी पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रमेश नाई की क्रूजर को किराए पर लेकर अनूपगढ़ के गांव 86 जीबी में अपने बहनोई की मौत पर शोक व्यक्त करने गए हुए थे। शोक व्यक्त करने के बाद सभी लोग क्रूजर में सवार होकर वापस कीकरवाली आ रहे थे। लेकिन सलेमपुरा के पास क्रूजर हादसे की शिकार हो गई। हादसे के बाद पुलिस की ओर से चार महिला व एक पुरुष के शव को राजकीय चिकित्सालय समेजा कोठी व क्रूजर चालक के शव को अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल में रखवाया गया था। जहां से मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए गए। इस सड़क हादसे में किकरवाली निवासी हेतराम (45) पुत्र हनुमान उसकी पत्नी सुनीता (42), मृतक हेतराम की चाची लिछमा देवी (55) पत्नी कृष्ण लाल, भाभी विद्या देवी (40) पत्नी देवीलाल, भाभी कलावती देवी (48) पत्नी हंसराज और क्रूजर चालक रमेश नाई (38) पुत्र शंकर लाल की मौत हो गई थी। वहीं घटना में घायल कांता पत्नी मदनलाल का श्रीगंगानगर में उपचार जारी है।

पति-पत्नि का एक ही चिता पर किया अंतिम संस्कार

एक ही गांव से चार घरों से 6 अर्थियां एक साथ निकली तो हर किसी की आंखें नम हो गई। मृतक हेतराम, सुनीता और हेतराम की भाभी कलावाती की अर्थी एक घर से निकली और वही विद्या देवी,लिछमा देवी और क्रूजर चालक रमेश नाई की अर्थी उनके अपने अपने घर से निकली और गांव की कल्याण भूमि में सभी शवों का अंतिम संस्कार किया गया। चार मृतकों का अलग-अलग चिता पर व हेतराम व उसकी पत्नि सुनिता का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।

पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा, बाजार दूसरे दिन भी बंद रहा

जैसे ही सड़क हादसे की खबर गांव में पहुंची तो पूरा गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। हर कोई पीड़ित परिवार की ओर दौड़ पड़ा। जिसने भी भयानक हादसे की खबर सूनी, उसी की आंखों से आंसू निकल आए। गमगीन माहौल में गांववालों ने 6 अर्थियों को एक साथ कंधा दिया। हर किसी के मुंह पर शब्द थे कि ये क्या हो गया। पूरे गांव में न तो कोई दुकान खुली और न ही कोई चूल्हा चला।। गांव के ही रणधीर रोझ ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा हादसा नहीं देखा। उन्होंने बताया कि अक्सर समाचारों में ही पढे है। आज उनके गांव में हुए हादसे ने गांव वालों को अंदर तक हिला कर रख दिया है। वहीं हादसे से लेकर अंतिम संस्कार किए जाने तक पूरे गांव के लोग काम काज छोड़ परिजनों को संभालने में लगे हुए थे।

चालक के तीन मासूम बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

ड़क हादसे में पति को खोने के बाद बार-बार शून्य को निहारती पत्थराई सी आंखें, आंखों से डबडबाते हुए निर्झर बह रहे आंसू। घर में सांत्वना देने पहुंच रहा रिश्तेदारों का तांता। कभी रोती तो कभी अपने छोटे-छोटे बच्चों को निहारती। फिर रो-रो कर बेसुध होती। कुछ ऐसा ही हाल है गांव किकरवाली निवासी मृतक रमेश की पत्नि इंद्रा का। शुक्रवार को हुए विदारक हादसे ने ताउम्र नहीं भरने वाले जख्म दे दिए। सड़क हादसे ने क्रुजर चालक रमेश कुमार के परिवार वालों के जीवन की दशा व दिशा ही बदल दी। अनूपगढ मार्ग पर सलेमपुरा के पास सड़क हादसे में मौत का शिकार हुए क्रुजर चालक रमेश कुमार के परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट गया। परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य की हादसे में मौत के बाद तीन बच्चों व उनकी मां इंद्रा के साथ बुजुर्ग माता कमला देवी के सामने घर चलाना भी मुसीबत बन गई है। गांव किकरवाली निवासी रमेश कुमार नाई की है शुक्रवार को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। जिसका शनिवार को गांव किकरवाली में अंतिम संस्कार किया गया। अब परिवार के पास आय का कोई साधन नहीं होने के कारण गांव के प्रबुद्ध नागरिकों ने शोक जताने पहुंचे सांसद निहाल चंद मेघवाल से पीडित परिवार की मदद की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने सांसद को अवगत करवाया की रमेश की मौत से परिवार के सामने संकट खड़ा हो गया है। बुजुर्ग माता कमला देवी का बुढ़ापे का सहारा और तीन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया छिन गया। मृतक के दो बेटियां दीक्षा व अंकुश है। बेटा रवि महज दस वर्ष का है।

जनप्रतिनिधि हुए शामिल

गांव कीकरवाली में हुए हादसे की खबर चारों ओर आग की तरह फैल गई। एक साथ 6 जनों की मौत के बाद आस-पास के गांवों के ग्रामीणों के अलावा यात्रा में सांसद निहाल चंद मेघवाल, विधायक सोहन नायक, पूर्व विधायक बलवीर सिंह लूथरा, किसान नेता श्योपत मेघवाल, प्रधान पति वीरेंद्र गोदारा पूर्व प्रधान गजेन्द्र गिल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि शव यात्रा में शामिल हुए तथा मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया।


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