कार्यक्रम की शुरुआत सचिव कन्हैया जगवानी ने ‘कृष्ण एक तुम ही थे जिसने कान्हा का दर्द समझा’ कविता प्रस्तुत की ( Hindi news )। प्रदीपसिंह ‘अश्क’ ने ‘बेवक्त के किस्से ’ रचना प्रस्तुत की। कला मंच के सचिव वासुदेव गर्ग ने कविता ‘कान्हा अब जाना नहीं’ सुनाई ( Srikaranpur )। महेंद्र सिंह ने ‘अभिनंदन का अभिनंदन’ देशभक्ति रचना प्रस्तुत की। जगदीश वर्मा ने ‘बूढे बाप का सपना’ रचना प्रस्तुत की। कृष्ण शर्मा ‘खबरी’ ने ‘रोते-रोते हंसना सीखो’ रचना सुनाई ।
जितेंद्र गिरधर, संदीप गुप्ता, अर्पिता, कोमल आदि ने भी रचनाएं प्रस्तुत की। मंच अध्यक्ष ललित बंसल ‘निगाह करणपुरी’ ने ‘दिखावे में भले ही जिंदगी हलाक हो जाए ’ रचना प्रस्तुत की।