सुबह से ही किसान पब्लिक पार्क में एकत्र होना शरू हो गए । किसान वहां से जुलूस के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचे तथा घेराव किया। सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा की केंद्रीय किसान कौंसिल के सदस्य श्योपत राम मेघवाल ने कहा कि हाड़तोड़ मेहनत करने वाला किसान सरकारों की नीति के कारण आत्महत्या को मजबूर हो गया है । प्रदेश के सबसे अधिक सम्पन्न माने जाने वाले जिलों में किसान कर्जे से परेशान है ।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी ने गहलोत सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस में सत्ता पाने की होड़ के चलते वायदे किए जा रहे है। उन्होंने कहा सिंचाई पानी के अभाव में कभी बिजाई तो कभी पकाई प्रभावित होती है । समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद नही होती। किसान को अपनी फसलों का पूरा भाव नही मिल रहा । ऐसे में किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए एसडीएम स्वयं किसानों के बीच पहुंचे तथा समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। किसान सभा ने समस्या का शीघ्र समाधान नही होने पर सोमवार को फिर से एसडीएम कार्यालय के घेराव की चेतावनी दी। इस अवसर पर किसान नेता सुभाष सहगल, भूमि विकास बैंक के पूर्व चैयरमेन राकेश ठोलिया, अमरसिंह बिश्नोई, रिशपाल सिंह पन्नु, सुभाष डाबला, इंद्रजीत बिश्नोई आदि ने मृतक किसान के परिवार को बीस लाख रुपए मुआवजा देने, किसानों से सम्पूर्ण कर्जमाफी का वायदा पूरा करने तथा जमीन नीलामी और कुर्की के आदेश निरस्त करने की मांग उठाई।