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श्री गंगानगर

विफलताओं को पीछे छोड़ अंकुर ने छू लिया आसमां

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श्री गंगानगरJan 11, 2019 / 04:56 pm

jainarayan purohit

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विफलताओं को पीछे छोड़ अंकुर ने छू लिया आसमां

-अनूपगढ़ का अंकुर बना पायलट

अनूपगढ़.

कस्बे की छोटी-छोटी गलियों में उसने बड़े सपने देखे, उम्मीदों को पंख लगाए और एक दिन ऐसी उड़ान भरी की छू लिया आसमां। जी हां, हम बात कर रहे हैं, कस्बे के वार्ड 13 निवासी वेद प्रकाश बलाना के पुत्र अंकुर बलाना की। अंकुर के जीवन में कई बार विफलताएं आईं लेकिन उसने हार नहीं मानी और हासिल किया, पायलट बनने का बेहतरीन मुकाम। अंकुर ने सीनियर सकैंडरी की परीक्षा के बाद कोटा में आईआईटी की परीक्षा दी । सफल नहीं होने पर दिल्ली जाकर पायलट का कोर्स किया।
थ्योरी की परीक्षा पास करने के बाद मेडिक़ल में ए ग्रेड प्राप्त किया। इसके बाद चयन होने पर फिलिपिंस में दो वर्ष हवाई जहाज उड़ाना सीखा और भारत लौटे। इस दौरान एक निजी एयरवेज में साक्षात्कार दिया लेकिन सफल नही हुए। अंकुर ने हार नही मानी और कुछ समय बाद अन्य एयरवेज में साक्षात्कार दिया, जिसमें उनका चयन हो गया और संबंधित कंपनी ने उन्हें छह माह प्रशिक्षण के लिए जर्मनी भेजा। भारत लौटने पर उन्हे हवाई जहाज के सह चालक(कॉ-पायलट) के पद पर कोलकता में नियुक्ति मिली। वहां दो वर्ष बाद अंकुर का प्रमोशन हुआ और वे अनूपगढ़ के पहले पायलट बने। वर्तमान में अंकुर दिल्ली में निजी एयरवेज में फस्र्ट ऑफिसर की रैंक पर कार्यरत है।
संदेश :
उन्होने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि विफलताओं से कभी घबराना नही चाहिए । निरंतर मेहनत करने पर सफलता अवश्य मिलती है। उड्डयन के क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएं है,युवाओं को इस क्षेत्र की तरफ ध्यान देकर अपना कैरियर बनाना चाहिए।

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