अब बिना थके लाडो पहुंचेंगी स्कूल
राजस्थान पत्रिका में बालिकाओं की पीड़ा बताने के बाद शिक्षा विभाग ने ये आदेश जारी किए हैं। घर से दूरदराज स्थित सरकारी स्कूल में जाने वाली प्रदेश की 4500 और जिले की 500 बालिकाओं को अब ट्रांसपोर्ट वाउचर सुविधा मिल सकेगी। इससे पहले घरों से ऑनलाइन में दूरी का सही निर्धारण नहीं हो पाने के चलते वे इससे वंचित थीं।
अब बिना थके लाडो पहुंचेंगी स्कूल
सीकर. घर से दूरदराज स्थित सरकारी स्कूल में जाने वाली प्रदेश की 4500 और जिले की 500 बालिकाओं को अब ट्रांसपोर्ट वाउचर सुविधा मिल सकेगी। इससे पहले घरों से ऑनलाइन में दूरी का सही निर्धारण नहीं हो पाने के चलते वे इससे वंचित थीं।
राजस्थान पत्रिका में बालिकाओं की पीड़ा बताने के बाद शिक्षा विभाग ने ये आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने दूरदराज के बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए यात्रा भत्ता का लाभ देने का कदम उठाया था। इसमें एक किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाले बच्चों को सालाना तीन हजार रुपए का भुगतान करने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही इस सुविधा को ऑनलाइन किया गया, तो संस्था प्रधान घरों से स्कूलों की दूरी तय नहीं कर पाए और इन छात्राओं को सुविधा से वंचित कर दिया गया। सरकारी स्कूल में दूरदराज से आने वाली प्रदेश की 4500 और जिले की 500 छात्राओं को सितंबर 2018 के बाद ट्रांसपोर्ट वाउचर सुविधा से वंचित कर दिया गया था। राजस्थान पत्रिका ने इस मुद्दे को 9 फरवरी के अंक में ‘ट्रांसपोर्ट वाउचर के नाम पर सरकार का दिखावा’ शीर्षक से प्रकाशित किया और अब इन छात्राओं को इस सुविधा का लाभ फिर से मिलना शुरू हो गया।
ऑनलाइन में अटका भत्ता
कक्षा 9 वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को पहले रमसा की ओर से और प्राथमिक स्तर के 1 से 8 तक के स्कूलों में एसएसए कार्यालय के माध्यम से यात्रा भत्ता का लाभ मिल रहा था। लेकिन बाद में सरकार की नई शैक्षिक व्यवस्था के तहत रमसा व एसएसए कार्यालय को एक कर समसा में बदल दिया गया। लेकिन योजना को ऑनलाइन करने के बाद समसा प्रदेश की 4500 और जिले की 500 छात्राओं को यात्रा भत्ते का लाभ नहीं दिलवा पाया।
यात्रा भत्ते का लाभ
सरकारी स्कूलों में 1 से 5 तक के विद्यार्थियां को एक किलोमीटर से अधिक दूरी, कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को दो किलोमीटर से अधिक दूरी तथा कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को स्कूल से पांच किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर इस योजना का लाभ मिलता है। एक से पांच के छात्र को 10 तथा कक्षा 6 से 8 तक को 15 रुपए उपस्थिति के अनुसार तथा अधिकतम तीन हजार रुपए सालाना मिलते हैं। जिले में एक किलोमीटर से अधिक दूरी से आने वाले कुल 30 हजार से अधिक विद्यार्थी है।