एक व्यक्ति को अमिलिया से रेफर करके उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में लाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद पुलिस प्रशासन ने परिजनों की तलाश करना उचित नहीं समझा, बल्कि नगर पालिका के स्वीपरों को सूचित कर चीर घर के बगल में शव दफनवा दिया गया। दो दिन बाद जानकारी मिलने पर जिला चिकित्सालय पहुंचे परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया, तब प्रशासन ने जेसीबी से कब्र खुदवाकर शव बाहर निकलवाया और परिजनों के सुपुर्द किया।
मंदिर जाने के लिए निकला था सिटी कोतवाली अंतर्गत रजडिहा निवासी गणेश रावत पिता दुलारे (50) गत 20 सितंबर को सुबह घर से घोघरा देवी मंदिर जाने के लिए निकला था। घोघरा गांव में ही वह बेहोश होकर सड़क के किनारे गिर गया। स्थानीय लोगों ने डायल-100 पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने स्थल पर पहुंचकर उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमिलिया में भर्ती कराया। जहां से गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहां उपचार के दौरान 22 सितंबर को उसकी मौत हो गई।
अस्पताल में हंगामा
इस पर अस्पताल चौकी पुलिस ने लावारिश घोषित कर नगर पालिका के स्वीपरों की मदद से चीर घर के बगल में गड्ढा खुदाकर दफना दिया। उधर, जब अधेड़ घर नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। और जानकानी लगने पर अस्पताल पहुंंचकर वे हंगामा करने लगे। ऐसी स्थिति में प्रशासन फिर से शव को कब्र से बाहर निकालने बाध्य हुए।
इस पर अस्पताल चौकी पुलिस ने लावारिश घोषित कर नगर पालिका के स्वीपरों की मदद से चीर घर के बगल में गड्ढा खुदाकर दफना दिया। उधर, जब अधेड़ घर नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। और जानकानी लगने पर अस्पताल पहुंंचकर वे हंगामा करने लगे। ऐसी स्थिति में प्रशासन फिर से शव को कब्र से बाहर निकालने बाध्य हुए।
तहसीलदार की उपस्थित में निकलवाया शव
गोपद बनास तहसीलदार की उपस्थित में कब्र खुदवाकर शव को बाहर निकाला गया। शव क्षत-विक्षत हो गया था, उससे तेज दुर्गंध उठ रही थी। प्रशासन ने पंचनामा तैयार कर शव परिजनों के सुपुर्द किया। जिसके बाद वे गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
गोपद बनास तहसीलदार की उपस्थित में कब्र खुदवाकर शव को बाहर निकाला गया। शव क्षत-विक्षत हो गया था, उससे तेज दुर्गंध उठ रही थी। प्रशासन ने पंचनामा तैयार कर शव परिजनों के सुपुर्द किया। जिसके बाद वे गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।