कलेक्टर की दरियादिली: जिला अस्पताल व एनआरसी में जगह नहीं बची तो अपने बंगले भर्ती कराए एनीमिक बच्चे
100 बच्चों को कलेक्टर बंगले में कराया गया भर्ती, दस्तक अभियान में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए जिला अस्पताल लाए गए थे एनीमिक बच्चे
सीधी। सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह ने अनोखी पहल करते हुए दस्तक अभियान में गंभीर एनिमिक चिन्हित बच्चों के लिए अपने निवास के कमरे खुलवाकर उनके रुकने और भोजन की व्यवस्था की है। सीधी कलेक्टर के इस दरियादिली की हर जगह चर्चा हो रही है।
दरअसल बुधवार को जिला चिकित्सालय की क्षमता से अधिक बच्चे जिला चिकित्सालय ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए लाए गए थे। जिला चिकित्सालय में उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने पर कलेक्टर अभिषेक सिंह ने तत्काल लगभग 100 बच्चों के ठहरने की व्यवस्था अपने निवास स्थल पर ही कर दी। कलेक्टर सिंह ने कहा कि जो बच्चे जिला अस्पताल लाए गए हैं उन्हें किसी हालत में बगैर ब्लड ट्रांस्फ्यूजन किए वापस नहीं किया जाएगा। जब उनके ठहरने के लिए कहीं व्यवस्था नजर आती नहीं दिखी तो कलेक्टर ने त्वरित निर्णय लेते हुए परिजनों के साथ उन्हें अपने आवास में भिजवा दिया। कलेक्टर सिंह ने प्रत्येक गंभीर एनिमिक बच्चे को जिला चिकित्सालय लाने, उनका ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने, रुकने, भोजन तथा वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था की है।
बुधवार को लाए गए पांच सैकड़ा एनीमिक बच्चे-
दस्तक अभियान के तहत जिले में एनीमिक बच्चों की पहचान करने व उन्हे ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के लिए जिला अस्पताल लाने व वापस घर पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। इसी क्रम में बुधवार को ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के लिए करीब पांच सौ बच्चों को लाया गया, इतनी अधिक संख्या में एनीमिक बच्चों के जिला अस्पताल पहुंचने पर व्यवस्था बिगड़ती नजर आई, जिसकी सूचना तत्काल कलेक्टर अभिषेक सिंह को दी गई, जिस कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंचे और एनीमिक बच्चों तथा उनके परिजनों के ठहरने व भोजन की व्यवस्था में जुट गए। कलेक्टर द्वारा १०० बच्चों को शहर के मिश्रा नर्सिंग होम, 100 बच्चों को मानस भवन में शिफ्ट कराया गया, शेष बच्चों को जिला अस्पताल में शिफ्ट कराया गया, इसके बाद भी करीब 100 बच्चे शेष बच रहे थे जिन्हें कलेक्टर ने अपने आवास भिजवा दिया, इन सभी बच्चों व उनके परिजनों के भोजन की व्यवस्था भी कलेक्टर अभिषेक सिंह द्वारा कराई जा रही है।
बाहर से मंगाए जा रहे टेक्रीशियन-
जिला अस्पताल मे प्रतिदिन एक सैकड़ा से अधिक एनीमिक बच्चों को ब्लड ट्रांस्फ्यूजन किया जा रहा है, ऐसे में टेक्नेशियन की कमी के मद्देनजर कलेक्टर अभिषेक सिंह द्वारा पहल करते हुए रीवा जिले से आधा दर्जन टैक्नीशियन मंगवाए गए हैं, ताकि ब्लड ट्रांस्फ्यूजन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
बुधवार को 40 व्यक्तियों ने किया रक्तदान-
कलेक्टर अभिषेक सिंह की अपील का जिले में व्यापक असर हुआ है और उनकी अपील के बाद अधिकारी-कर्मचारी, स्वयंसेवी संगठनों, व्यवसायी, समाजसेवी, युवा सभी वर्ग के लोग आगे आकर रक्तदान कर रहे हैं, जिससे नौनिहालों की जान को किसी तरह का खतरा न रहे। इसी क्रम में बुधवार १७ जुलाई को 40 व्यक्तियों ने जिला चिकित्सालय में रक्तदान किया है। इस प्रकार विगत 5 दिवस में 250 से अधिक व्यक्तियों ने रक्तदान कर दस्तक अभियान में अपनी सहभागिता की है।
कहीं स्थान नहीं दिखा तो भिजवा दिया बंगले-
बुधवार को जिले भर से करीब पांच सैकड़ा एनीमिक बच्चों को ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के लिए जिला अस्पताल लाया गया था, स्वास्थ विभाग के मैदानी अमले ने इसके लिए मेहनत की थी, इसलिए लगा कि बच्चे बिना ब्लड ट्रांस्फ्यूजन वापस नहीं जाने चाहिए, काफी बच्चों को व्यस्थित स्थान में शिफ्ट कराया गया, इसके बावजूद करीब १०० बच्चे शेष बच रहे थे, जिन्हे अपने आवास में भिजवा दिया, उनके व परिजनों के ठहरने के साथ ही भोजन की भी व्यवस्था की जा रही है।
अभिषेक सिंह, कलेक्टर सीधी
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