भगवतगढ़. कस्बे सहित लोरवाड़ा , जटवाड़ा कलां, बंधा आदि गांवों में शाम करीब साढ़े छह बजे अचानक हुई बूंदाबांदी के साथ ओलावृष्टि भी हुई। करीब पांच मिनट तक बेर के आकार से अधिक बड़े ओले गिरे। ओले गिरने से फसलों में भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। कस्बे के सरपंच मुकेश कुमार मीणा ने बताया कि गेहूं, सरसों आदि की पकने को तैयार फसल ओलावृष्टि से नष्ट हो गई। सरपंच ने बताया कि महंगे खाद-बीज खरीदकर अच्छी फसल उत्पादन की आस लगाए बैठे किसानों पर प्रकृति की मार ने पानी फेर दिया। इसी प्रकार लोरवाड़ा सरपंच रसाली देवी एवं जटवाड़ा कलां सरपंच बुगलचंद मीणा ने बताया कि उनके पंचायत क्षेत्र में भी काबुली चने के आकार के ओले गिरने से फसलों को नुकसान हुआ। तीनों गांवों के सरपंचों ने प्रशासन से ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की।
ओलों की बारिश, फसलों को नुकसान
बामनवास. उपखण्ड क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में गुरुवार शाम को बूंदाबांदी के साथ ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ। कई गांवों में तो फसल ओलों की मार के चलते पूरी तरह नष्ट हो गई। वहीं कई गांवों में ओलावृष्टि से पचास फीसदी तक नुकसान हुआ है। कई गांवों में पहले तो ओलों की बारिश हुई।
शाम करीब पौने छह बजे ओलावृष्टि का दौर शुरू हुआ, जो करीब पन्द्रह से बीस मिनट तक चला। इस दौरान कहीं चने के आकार के तो कहीं बेर के आकार के ओले गिरे। इनसे फसल पूरी तरह चौपट हो गई। अमावरा, डूंगरपट्टी, गोठ सीकरोड़ी, टोडा, बानोर, जाहिरा, मीना कोलेता, जगरामपुरा, बामनवास पट्टीखुर्द, रानीला, बड़ीला, शफीपुरा, गंडाल, सराय सहित करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में ओलावृष्टि से अत्यधिक नुकसान हुआ है। टोडा निवासी किसान महेश कुमार ने बताया कि करीब दस मिनट तक तो सूखे ओलों की बारिश हुई। इससे फसल धराशायी हो गई। डूंगरपट्टी निवासी रामकेश, विजयसिंह, बानोर निवासी गिर्राज प्रसाद मीना एवं सराय निवासी बलराम मीना ने बताया कि करीब 20 से 25 मिनट तक हुई ओलावृष्टि किसानों की मेहनत पर पानी फेर गई। लगभग पकाव पर खड़ी सरसों तथा गेहूं की फसल को इससे बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
क्षेत्र के कुछ गांवों में ओलावृष्टि की सूचना गिरदावर के माध्यम से मिली है। शुक्रवार सुबह मुआयना कर नुकसान का आंकलन किया जाएगा।
सुरेश राव, तहसीलदार बामनवास