सतना। लोकसभा चुनाव में इस बार भर्रेशाही के कई मामले सामने आ रहे हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव संबंधी सभी पत्राचार चुनाव आवश्यक की नोटिंग के साथ विशेष वाहक के जरिए भेजे जा रहे हैं। इसके बाद भी संबंधित पत्र 80 किलोमीटर की दूरी 22 दिन में तय करके संबंधित तक पहुंच रहे हैं। मामला कार्मिक प्रकोष्ठ से किए गए पत्राचार का है। जानकारी के अनुसार ग्रामोदय विश्वविद्यालय के एक कार्मिक की चुनाव में मतदान दल में ड्यूटी लगाई गई थी। इस ड्यूटी आर्डर को लेकर कुछ टिप्पणी के साथ कार्मिक प्रकोष्ठ से एक पत्र संबंधित चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारी को 29 मार्च को भेजा गया। इस दौरान तक संबंधित कार्मिक अपनी चुनाव ड्यूटी संबंधी प्रशिक्षण भी कर चुका है। अब जाकर संबंधित कर्मचारी को 19 अप्रैल को पत्र मिला है। यह पत्र जिला पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर से 29 मार्च को भेजा गया था। जिसे स्पेशल मैसेन्जर (विशेष वाहक) लेकर गया था।इलेक्शन अर्जेन्ट के पत्रों की गति नौ दिन चले अढ़ाई कोस की
यह है मामला ग्रामोदय के संबंधित कार्मिक को चुनाव ड्यूटी लगाने का आदेश दिया गया था। 25 मार्च के इस आदेश की रिसीविंग में कथित तौर पर स्वास्थ्य संबंधी हवाला दिया गया था। कार्मिक प्रकोष्ठ की नोडल अधिकारी ने इसे संज्ञान में लेते हुए 28 मार्च को एक पत्र संबंधित कर्मचारी को भेजा। जिसका डिस्पैच 29 को किया गया। और यह पत्र 19 अप्रैल को पहुंचा। इस दौरान तक संबंधित कार्मिक अपने दोनों प्रशिक्षण पूरे कर चुका है।
जिला पंचायत में ढूढ़ते रहे मेडिकल बोर्ड शनिवार को जिला पंचायत कार्यालय में कई कर्मचारी जिनकी मतदान दल में ड्यूटी लगी है वे पहुंचे हुए थे। इन्होंने बताया कि मार्च माह में भेजा गया पत्र कल 19 अप्रैल को मिला है। जिसमें मेडिकल बोर्ड के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा गया था। लेकिन यहां पर आज पहुंचने पर बताया गया कि मेडिकल बोर्ड आ नहीं है।
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