scriptकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर तोड़ा इंद्र का अभिमान | Krishna lifted the mountain of Govardhan, proud of Indra | Patrika News

कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर तोड़ा इंद्र का अभिमान

locationनरसिंहपुरPublished: Aug 21, 2018 06:05:51 pm

Submitted by:

ajay khare

श्रीमद्भागवत कथा में बताई कन्हैया की बाल लीलाएं

Bhagwat katha

Bhagwat katha

कौडिय़ा। पुराने सब्जी बाजार प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में ध्रुवेदव जी महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथा का श्रवण करने के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। भागवत कथा में महाराज जी ने कहा कि कृष्ण विष्णु के अवतार हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है। तब-तब भगवान विष्णु किसी किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। कथा वाचक महराज जी ने भक्तों को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए कहा कि कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस ने पूतना को भेजा, वेश बदलकर आई पूतना को भगवान श्रीकृष्ण ने मोक्ष प्रदान किया। कार्तिक माह में ब्रजवासी गोवर्धन महाराज की पूजन आतुर होते हैं। लेकिन कृष्ण के मना करते ही इन्द्र भगवान क्रोधित हो जाते हैं। वह अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाकर इंद्र का अभिमान तोड़ा। कथा में महाराज जी ने भाव विभोर भजनों का श्रवण भी कराया, बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने कथा एवं भजनों का श्रवण किए अंत में प्रसादी का वितरण किया गया। उपस्थित श्रोताओं ने कथा एवं भजनों का श्रवण किए अंत में प्रसादी का वितरण किया गया। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाकर इंद्र का अभिमान तोड़ा। कथा में महाराज जी ने भाव विभोर भजनों का श्रवण भी कराया, बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने कथा एवं भजनों का श्रवण किए अंत में प्रसादी का वितरण किया गया।
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