डुंगडुंग ने कहा कि वे सेवा भाव से राजनीति में आ रहे हैं। डुंगडुंग ने कहा कि पुलिस पदाधिकारी के पद पर रहते हुए भी वे सामाजिक कार्यों में रूचि लेते रहे हैं, लेकिन इसे व्यापक रूप देने के लिए राजनीति को विकल्प के रूप में चुना है।
रेजी डुंगडुंग ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से उनकी बात हुई है, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने से पहले वे स्थानीय लोगों से राय लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक दल की नीतियां गलत नहीं होती है, लेकिन स्थानीय समस्या को ठीक से नहीं समझ पाने और लोगों से सीधा संवाद नहीं होने के कारण लोगों की समस्याओं का समाधान ठीक तरीके से नहीं हो पाता है, इसलिए उन्होंने पुलिस सेवा छोड़ कर राजनीति में आने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि झारखंड में इससे पहले भी भारतीय पुलिस सेवा के पांच अधिकारियों ने पुलिस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में भाग्य आजमाया है। इनमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ.रामेश्वर उरांव, पूर्व सांसद अजय कुमार, क्रिकेट कंट्रोल पदाधिकारी अमिताभ चैधरी, पूर्व डीआईजी लक्ष्मण कुमार सिंह और शीतल उरांव शामिल है।