हादसे के बाद यात्रियों की चीख-पुकार व हाहाकार सुनकर दिवेर व आस पास के घरों से ग्रामीण मदद के लिए दौड़ पड़े। पुलिस के पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने बस में फंसे लोगों को दहशतगर्द घायलों को बाहर निकाला। फिर सूचना पर जिलेभर के विभिन्न थाना क्षेत्र से एम्बुलेंस व निजी वाहन पहुंच गए, जिनसे घायलों को आरके जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
बड़े हादसे की सूचना के बाद प्रशासन ने आरके जिला अस्पताल में चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों का अतिरिक्त स्टाफ बुला लिया। पीएमओ डॉ. नरेन्द्र पालीवाल के नेतृत्व में घायलों का त्वरित प्राथमिक उपचार किया और गंभीर घायलों को रेफर की कार्रवाई की गई। ढाई बजे से अल सुबह पांच बजे तक अस्पताल तक उपचार व रेफर की कार्रवाई चलती रही। उसके बाद चिकित्सक व स्टाफ वापस लौटे।
गोमती से ब्यावर तक फोरलेन का कार्य अटकने की वजह से सड़क हादसों की तादाद दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। फिर भी न तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से कोई गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है और न ही पुलिस व प्रशासन गंभीर है। इसका खमियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।