इस पर्व को छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घरों में गन्ने की पूजा के साथ तुलसी और भगवान विष्णु के विवाह के लिए मंडप सजाकर रस्म पूरी की जाती है। वहीं लोग अपने परिवार के मंगल कामना के लिए व्रत रखते हैं। कहा जाता है कि इस पर्व के बाद शादी सीजन की शुरूवात हो जाती है। एकादशी पर्व के बाद से ही सारे मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। छोटी दिवाली को लेकर गामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास का माहौल रहा। इसके चलते आसपास के ग्रामीण इलाकों से गन्ने की खेप शहर में पहुंची। शहर के ईतवार बाजार, दाऊचौरा चौक, जयस्तंभ चौक में गन्ने की दुकाने सजी रही।
देवउठनी एकादशी पर्व पर घरों मेंं विराजित तुलसी-चौरा को सजावट कर गन्ने का मंडप बनाया गया जिसमें भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम के साथ तुलसी का विवाहकर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर मांगलिक कार्यो की कामना की गई।
कलकसा. ग्राम रोजगार सहायक संघ जनपद पंचायत डोंगरगढ़ का दीवाली मिलन का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के सभी पंचायतों के रोजगार सहायक गण उपस्थित हुए। इस बीच उपस्थित रोजगार सहायकों ने आपस मे एक दूसरे को दीपावली व देव उठावनी तुलसी विवाह की हार्दिक शुभकामनाएं देते रहे। जिसमें प्रमुख रूप से चंद्रेश कुमार मेश्राम, दिनेश सिन्हा, रामकुमार मंडावी, बिरसिंग ठाकुर, देवसरन लिल्हारे, संजय राजेनकर, दुसासन उइके, राजू मालिक वर्मा, राजेश भारती, कुंभज वर्मा, मुरली मंडावी, सोनबति जंघेल, यसोदना परमेस्वरी सिन्हा, काजल वर्मा, भावना वर्मा, पुष्पांजलि सिन्हा, भारतदास, अजय, परमेश्वर जोशी, ओमी देवदास, प्रियंका माहेश्वरी, उषा कावड़े, पूसा धुर्वे, नामिता सिन्हा, नीलकंठ कवर, नंदलाल, रोहित, अरुण सहित अधिक संख्या में उपस्थित रहे थे।